भारत के शौर्य कलश चमक रहे हैं हमने विषम परिस्थितियों में विजय के कालजयी सोपान लिखे हैं। वर्तमान में देश के बाहर के दुश्मनों के अलावा देश के अन्दर के गद्दारों को भी धूल चटानी है।  मैं सभी देश प्रेमियों का आह्वान करता हूँ और कहना चाहता हूँ:-

क्रान्ति  नई लानी है, सुबह नई आनी है,

मौत से तू डरता है, ये तोआनी जानी है,

अंधेरों की आँधी से हार किसने मानी है,

वो कुटिल कहानी थी अब नयी कहानी है।

 

गद्दारों बईमानों की कहानी पुरानी है ,

रगों में देशप्रेमियों के जागी भवानी है ,

निर्दोषों के मरने से छाई जो वीरानी है ,

उन्ही के रक्त से प्रचण्ड ज्योति आनी है।

 

भारत वर्ष युवा और स्वतन्त्रता पुरानी है ,

क्रान्ति वीर गाथा अब देश को सुनानी है,

रगों में शोणित गर्म है बहता नहीं पानी है,

देश द्रोहियों की भाई जान अब जानी है।

 

अँगारों द्वारा  लिखनी समृद्धि की कहानी है ,

विश्व के क्षितिज पर देश कीर्ति चमकानी है,

सभी भारत-वासियों हित चेतना जगानी है,

पन्द्रह  अगस्त को हाँ शपथ यही खानी है।

-डॉ0 शिव भोले नाथ श्रीवास्तव

 

 

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