जाने क्यों लोग वाणी की मर्यादा भूल जाते हैं।

जहाँ बोलना ना चाहिए वहीं पर बोल जाते हैं।

जिस मातापिता की गोद में खेलकर बड़े हुए।

मदान्ध हो के उनसे भीअपशब्द बोल जाते हैं।

 

कुछ नया गुर सीखने गुरुओं के पास जाते हैं।

बचपन के खेल संग बहुत कुछ सीख जाते हैं।

धीरे धीरे हम बच्चे, दुनियादारी सीख जाते हैं।

बुजुर्गों से छिपकर  कतरा के निकल जाते हैं।

 

केवल निज स्वार्थ के समीकरण याद आते हैं।

सत मूल्य सत्यम,शिवम,सुन्दरम भूल जाते हैं।

नवसम्बन्धों की धुनमें अपनों को भूल जाते हैं।

सम्बन्धों में छले जानेपर सुधबुध भूल जाते हैं।

 

कुछ अकल बढ़ने पर विद्यालय नहीं जाते हैं।

मारे,मारे फिरते हैं और सारा वक़्त बिताते हैं।

कुछ इनसेभी चारकदम आगे निकलजाते हैं।

कॉपी किताब वाले पैसों से गुलछर्रे उड़ाते हैं।

 

यह आदत बर्बादी के मुकाम तक लेजाती है।

व्यावहारिक कार्यों  में नाकामी हाथ आती है।

नकली यार,दोस्त,साथी सभी छिटक जाते हैं।

विगत कुकर्मों वश दिन में तारे नज़र आते हैं।

 

जो बालक किशोर वय में संभल नहीं पाते हैं।

मातापिता की नसीहतें जो समझ नहीं पाते हैं।

अकर्मण्यता की चक्की में पिसते चले जाते हैं।

जीवन की झंझावातों में, सदमार्ग नहीं पाते हैं।

 

नया दौर नवपीढ़ी को बहुत कुछ सिखाता है।

अहम् व वहम की, दलदल में फँसा जाता है।

द्वन्दों में उलझा, वक़्त गति से निकल जाता है।

अक्सर उठापटक में कुछ हाथ नहीं आता है।

 

भारत का इक वर्ग केवल, गाल ही बजाता है।

सी0एम0,पी0एम0को दिशाज्ञान टपकाता है।

जो असल जिन्दगी में  कुछ बन नहीं पाता है।

औकात सबकी देखता खुद की भूल जाता है।

 

खेल व खिलाड़ी कीआलोचना में लगे रहते हैं।

पसीना गिराया नहीं, विवेचना में लगे रहते हैं।

खुद के नयनों का कीचड़, तक निकलता नहीं,

सारी दुनियाँ की दिशा दिखाने में लगे रहते हैं।

 

इन सबसेअलग कुछ ऐेसेभी  बालक होते हैं।

देख कर तब्दीलियाँ कभी हैरान नहीं होते हैं।

विकराल स्थिति को हँस हँस के झेल जाते हैं।

बकबक नहीं करते कामकरके दिखाजाते हैं।

 

बालक पुरुषार्थवश परिस्थितियाँ जान जाते हैं।

तालमेल,यथाआवश्यक नीति पहचान जाते हैं।

गाल नहीं बजाते, सत्कर्म  आदर्श रख जाते हैं।

विषम स्थिति में सर्वोच्च,राष्ट्र नाम कर जाते हैं।

 

जुझारू बच्चे,अभाव में प्रभाव दिखा जाते हैं।

खुद प्रेरणा अवतार हो,कर के दिखा जाते हैं।

सूखी रोटी, गाँव, मिट्टी की ताकत दिखाते हैं।

समूची  दुनियाँ से, खूबसूरत रिश्ता बनाते हैं।

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