हाथ
जोड़ वन्दन करके हम गीत फाग का गाएंगे,
अपनी
अग्रज पीढ़ी का, आशीष चरण छू पाएंगे,
विषम
परिस्थिति कितनी भी प्रेम त्यौहार मनाएंगे,
तरह
तरह के फाग सुना कर प्रेम गुलाल उड़ाएंगे।
होली
है त्यौहार प्रेम का हमसब ये फर्ज निभाएंगे।1।
गौरव
राष्ट्र का ध्यान रखेंगे,
मर्यादा से बँध जाएंगे,
पावस
बन्धन ध्यान रखेंगे, सुरभि पवित्र फैलाएंगे,
प्रकृति
से हम प्यार करेंगे, पावन सा रंग बनाएंगे,
बहु
रंगी है वतन हमारा, फाग में सब रंग जाएंगे।
होली
है त्यौहार प्रेम का हमसब ये फर्ज निभाएंगे।2।
तरह
तरह के पकवानों से, हम सब भोग लगाएंगे,
करेंगे
धरती माँ का वन्दन, चन्दन तिलक लगाएंगे,
जागरूक
रहें चैतन्य बनें हम शौर्य का रंग बनाएंगे,
केसरिया
बाना धारण करके, मर्यादा पाठ पढ़ाएंगे।
होली
है त्यौहार प्रेम का हमसब ये फर्ज निभाएंगे।3।
रंगबिरङ्गी
संस्कृति अपनी दुनियाँ को रँग लगाएंगे,
दुनियाँ
वाले बहुत थक चुके यहाँ आ शान्ति पाएंगे,
अबीर
गुलाल के रंगों से, मौसम मदमस्त बनाएंगे,
खा
पीकर आनन्द में हम, ॐ नमः शिवाय गाएंगे।
होली
है त्यौहार प्रेम का हमसब ये फर्ज निभाएंगे।4।
इन्हें
लगाएं उन्हें लगाएं, अब सबको रंग लगाएंगे,
सारे
वैरभाव भूल कर अब प्रेम का रस बरसायेंगे,
पर
अपना अबहम ध्यान रखेंगे धोखे में ना आएंगे,
पूरे
तरह चौकन्ने हो कर, हम प्रेम प्रसार कराएँगे।
होली
है त्यौहार प्रेम का हमसब ये फर्ज निभाएंगे।5।
इसहोली
को उसहोली से हम कुछ अलग बनाएंगे,
जितना
हम सबसे सम्भव होगा स्नेह मेंह बरसाएंगे,
हर
आयु के सब बन्दों में हम सब सौहाद्र लुटाएंगे,
शक्तिसंचरण
करके नाथ सन्तुलन का रंग बनाएंगे।
होली
है त्यौहार प्रेम का हमसब ये फर्ज निभाएंगे।6।