जिन्दादिली से जीवन का वर्तमान जीना चाहिए,
मौसम हो चाहे सुअवसर, सानन्द रहना चाहिए।
जीवन का यही शुभ है ये सत जान लेना चाहिए,
वक़्त नहीं रुकता है इतना पहचान लेना चाहिए।
परिवर्तन न होगा विगत में, यह जान लेना चाहिए,
भविष्य की निश्चिचता नहीं, यह मान लेना चाहिए,
भूत,भविष्य की चिन्ता से न परेशान होना चाहिए,
वर्तमान में निज जीवट का इम्तिहान लेना चाहिए।
साथ चलते हुए पल को मनभर के जीना चाहिए,
मौजूदा वक्त के साथ, कदमताल करना चाहिए,
व्यथित करने वाले अतीत को,भूल जाना चाहिए,
आत्मसम्बल से लगन का पल्ला पकड़ना चाहिए।
हरपल चरित्रबल साध का उपक्रम होना चाहिए,
हर क्षण गरिमा युक्त निज आचरण होना चाहिए,
सत्,चित्,आनन्द के सत् स्वरुप का भान चाहिए,
अतःवर्तमान पर ही सर्वाधिक ध्यान होना चाहिए।
वर्तमान में जीने हेतु विगत को भूल जाना चाहिए,
आगत की व्यर्थ सोच से न हलकान होना चाहिए,
कल्पनाओं से न डरडरकर परेशान होना चाहिए,
कुण्ठा का वर्तमान से नहीं गठबंधन होना चाहिए।
वर्तमान में सुधार दुःख काअवसान होना चाहिए,
यह समय है कर्मयोग का, यह जान लेना चाहिए,
शुभ स्थापन का सच्चे मन से प्रयास होना चाहिए,
नश्वर,ईश्वर,प्रकृति,पुरुष का विश्वास होना चाहिए।
हर छण ही आनन्द का सरस पान होना चाहिए,
शाश्वत है वर्तमान का,स्वागतगान होना चाहिए,
दुःखे सुखे समे कृत्वा की, पहचान होनी चाहिए,
जीवन है चलने का नाम, यह जान लेना चाहिए।
भारत में भारतवाली ही, रीति-नीति होनी चाहिए,
इसीपल से हम सबकी, सच्ची प्रीति होनी चाहिए,
मौत आनी है और आएगी,शुभ ज्ञान होना चाहिए,
सत्यम्, शिवम्, सुंदरम् का भी भान होना चाहिए।