महाकाल तुम मत आना, हम ही आएंगे।
महाकाल तुम मत आना, हम ही आएंगे।
पथ में कांटे बहुत वो तुमको चुभ जाएंगे,
धुल धूसरित घर है मेरा, हम शरमायेंगे।
घर पर आसान नहीं, कहाँ हम बैठाएंगे,
जो भी कमी रहेगी, फिर हम पछताएंगे।
महाकाल तुम मत आना, हम ही आएंगे।
महाकाल तुम मत आना, हम ही आएंगे ।1।
जाड़े में कभी ना आना, नाथ हम घबराएँगे,
बहुत गहन अन्धकार, न रौशन कर पाएंगे।
अति तीव्र है शीत बयार न रक्षा कर पाएंगे,
छप्पर में पड़ी दरार न उसको भर पाएंगे।
महाकाल तुम मत आना, हम ही आएंगे।
महाकाल तुम मत आना, हम ही आएंगे ।2।
ठिठुरेंगे हम साथ, तुम्हें भी ठिठुराएँगे,
बारिश करती लाचार तुझे कैसे ढक पाएंगे।
गर तुम पर पानी पड़ा जीते जी मर जाएंगे,
प्रभु रहना निज धाम, तुझे हम लख पाएंगे।
महाकाल तुम मत आना, हम ही आएंगे।
महाकाल तुम मत आना, हम ही आएंगे ।3।
गरमी में मत आना, पाँव सब जल जाएँगे,
पथ है इतना दुष्कर, छाले पड़ जाएंगे।
हे नाथों के नाथ, क्या हम मुख दिखलाएंगे,
है केवल तेरा नाम, उसी से तर जाएँगे।
महाकाल तुम मत आना, हम ही आएंगे।
महाकाल तुम मत आना, हम ही आएंगे ।4।


