कभी कभी हम किसी को देखकर अनायास ही कह उठते आज आप बहुत तरोताज़ा दिख रहे हैं जवाब मिलता है आज वास्तव में पूरी गहरी नींद लेने को मिली है। सचमुच नींद किसी वरदान से कम नहीं कही जा सकती। एक अच्छी नींद शरीर के सभी अंगों हेतु टॉनिक का काम करती है जब हम सोते हैं तो हमारे शरीर के कई अंग विषाक्त पदार्थों को साफ़ करते हैं नींद शरीर के अन्दर के भागों के साथ त्वचा हेतु भी बहुत आवश्यक है। हमारे आँख बन्द करने से शरीर के दूसरे अंग आम करना बन्द नहीं करते। नाइट शिफ्ट में काम करने वाले मेहनतकश विविध स्वास्थ्य समस्याओं से जूझते रहते हैं।

नींद से आशय / Meaning of sleep –

विकिपीडिया के अनुसार

निद्रा एक उन्नत निर्माण क्रिया विषयक (एनाबोलिक) स्थिति है, जो विकास पर जोर देती है और रोगक्षम तन्त्र (इम्यून), तंत्रिका तंत्र, कंकालीय और मांसपेशी प्रणाली में नई जान दाल देती है सभी स्तनपायियों में, सभी पक्षियों और अनेक सरीसृपों, उभयचरों और मछलियों में इसका अनुपालन होता है।”

एक अन्य परिभाषा के अनुसार –

निद्रा अपेक्षाकृत निलंबित संवेदी और संचालक गतिविधि की चेतना की एक प्राकृतिक बार बार आने वाली रूपांतरित स्थिति है जो लगभग सभी स्वैछिक मांसपेशियों की निष्क्रियता की विशेषता लिए होता है।

इतिहास वेत्ता डॉ ० निर्मल कुमार के अनुसार –

निद्रा प्राकृतिक रूप से शरीर को तरोताज़ा रखने का उपाय है।”

जबकि डॉ ० कविता का मानना है -“निद्रा एक ऊर्जावान शक्ति के रूप में नई सुबह का आभास कराती है व अपने लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु दृढ़ बनाती है।”

इसी क्रम में डॉ०  शालिनी ने बताया -“शारीरिक व मानसिक टूटफूट को व्यवस्थित कर निद्रा अग्रिम कार्यों हेतु स्वस्थ उपादान है।”

उक्त परिभाषाओं के विश्लेषण से यह तो स्पष्ट है कि पूरी नींद शरीर हेतु आवश्यक है।

अनिद्रा के कारण

अनिद्रा के बहुत से कारण हैं उनमें से कुछ यहाँ प्रस्तुत हैं –

01 – भूख से अधिक भोजन

02 – मानसिक तनाव

03 – परिश्रम की कमी

04 – प्रमाद

05 – गृह क्लेश

06 – अनियमित श्रम

07 – अंग्रेजी औषधि व कैफीन युक्त पदार्थों का अधिक सेवन

08 – चिन्ता

09 – उच्च आकांक्षा स्तर

10 –  डर

11 – सन्तोष का अभाव

इस सम्बन्ध में एक कवि ने तो यहां तक कहा कि –

सरस्वती भूखी कविता है, लक्ष्मी को सन्तोष नहीं है।

और और की चाह और है मरघट आया होश नहीं है।

नींद पूरी होने के नुकसान –

01 – व्यवहार दुष्प्रभावित

02 – शारीरिक स्वास्थ्य ह्रास

03 – मानसिक स्वास्थय दुष्प्रभावित

गम्भीर चिन्तक डॉ ० जे ० पी ० गौतम का विचार है –

निद्रा वह दशा है जो व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक थकान को दूर कर नवऊर्जा के संचरण का कारण बनती है। “

04 – कार्य क्षमता ह्रास

05 – क्रोध वृद्धि

06 – अवसाद

07 – मानसिक तनाव

08 – निर्णयन दुष्प्रभावित

09 – स्मृति ह्रास

10 – दुर्घटना वृद्धि

11 – मोटापा

12 – व्याधि निमन्त्रण

13 – रोग प्रतिरोधी क्षमता में ह्रास

14 – सृजनात्मक चिन्तन ह्रास

भूगोल वेत्ता डॉ ० टी ० पी ० सिंह का विचार है –

“निद्रा मानव जीवन हेतु ऊर्जा का वह प्राकृतिक स्रोत है जो किसी भी जीव या मानव में पुनः ऊर्जा व्यवस्थापन करता है। “

15 –  जैविक घड़ी दुष्प्रभावित

16 – थकान व निराशा

अच्छी नींद हेतु उपाय  –

01 – शारीरिक श्रम

एक प्रमुख शिक्षाविद डॉ ० राज कुमार गोयल ने कहा –

“चेतन मन की क्रियाओं को निरन्तर सुव्यवस्थित रूप से करने हेतु महत्त्वपूर्ण साधन है निद्रा।”

02 – नियमित व्यायाम व भ्रमण

आँग्ल भाषा के विद्वान् डॉ ० एस ० डी ० शर्मा  का विचार है –

“नींद शरीर की ऊर्जा को पुनर्जीवित करने का प्रमुख नैसर्गिक साधन है।”

03 – प्राणायाम व ध्यान

04 – तेल मालिश

05 – अँगुलियों के अग्र भाग पर दवाब

06 – गर्दन के पीछे अँगूठे से दबाना

07 – आराम दायक बिस्तर

08 – सोने जागने का समय निर्धारण

मेरे अनुसार –

जल्दी सोऊँगा जल्दी उठ जाऊँगा,

तेल मालिश करूँ, जोर अजमाऊँगा

है अखाड़े की मिट्टी बुलाती मुझे,

मैं वहाँ जाऊँगा हाँ वहाँ जाऊँगा।

09 – नशे से परहेज

10 – अंग्रेजी दवा व कैफीन का न्यूनतम प्रयोग

बचपन की याद मेरे शब्दों में –

बिन कहानी के दादी सुलाती न थीं

बिना पौ फटे वो जगाती न थीं

रात भर नींद तुमको क्यों आती नहीं

नींद की गोलियाँ तो जरूरी न थीं।  

11 – स्वस्थ व सकारात्मक चिन्तन

12 – गरिष्ठ भोजन से बचाव

13 – सन्तुलित आहार

14 – स्वस्थ आदत निर्माण

मेरे विचार में –

रात भर जागने से क्या फ़ायदा, भोर का वक़्त निद्रा में खो जाएगा,

रात में नींद लेने का है क़ायदा, गर भूलोगे  इसे भाग्य  सो जाएगा।

15 – स्वास्थ्य मूल्य निर्धारण

कुछ आदतें ऐसी होती हैं जो जीवन बदलने की क्षमता रखती हैं और यदि आप इसे सम्पूर्ण देखते व पढ़ते हैं तो निश्चित रूप से आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होगा। पूर्ण नींद न लेने के क्या नुकसान हैं। नींद न आने के क्या कारण हैं ?अच्छी नींद लाने के क्या उपाय हैं यह सब जानकर अपने जीवन में सार्थक परिवर्तन किया जा सकता है।

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