मापन

सम्पूर्ण विश्व और इसके विविध तत्व अपने आपको मापन से पृथक नहीं कर सकते। जहाँ परिमाण है, जहाँ अंक है, जहाँ तुलना है,  MKS, FPS या CGS कोई भी  प्रणाली हो गुण, अवगुण या मानवीय चेतना का कोई भी आयाम हो मापन की परिधि में आ जाता है।

वर्तमान काल जिसे हम विज्ञान का युग कहते हैं इसकी सम्पूर्ण प्रगति का आधार यह मापन ही है।जन्म से मृत्यु तक हर आयु वर्ग में समय, दूरी, गति, धन, नौकरी, व्यवसाय, कालांश,अध्ययन, न्यादर्श हर जगह मापन है। मापन हमारे साथ इस तरह सन्नद्य  है कि हम चाह कर भी इससे अलग नहीं हो सकते। मीठा, नमकीन, ऋतु परिवर्तन, पृथ्वी परिभ्रमण सम्पूर्ण प्रकृति इसके आगोश में अपने को सुगम बनाती है। रॉस महोदय ने तो यहाँ तक कहा –

यदि मापन के सारे यन्त्र तथा साधन इस संसार से लुप्त कर दिए जाएँ तो आधुनिक सभ्यता बालू की दीवार की तरह ढह जायेगी।

 “If all the instruments and means of measurement were to disappear from this world, modern civilization would collapse like a wall of sand.”

आज के सभी गैजेट्स और हमारी पूरी दिनचर्या मापन से युक्त हैं।

MEANING AND DEFINITION

आशय परिभाषा –

यद्यपि मापन को परिभाषा में बाँधना या अभिव्यक्त करना एक दुष्कर कार्य है लेकिन अधिगम योग्य बनाने हेतु कहा जा सकता है कि परिमाणात्मक रूप से अपने अवलोकन को अभिव्यक्त करना ही मापन है। वास्तव में मापन भौतिक पदार्थ की विशेषता या गुण को अंकात्मक मान प्रदान करना है। किसी व्यक्ति के गुण, बुद्धि, मानसिक स्तर या किसी भी तुलना हेतु महत्त्व पूर्ण कारक मापन है।

एस. एस. स्टीवेन्स महोदय के अनुसार –

मापन किन्ही स्वीकृत नियमों के अनुसार वस्तुओं को अंक प्रदान करने की प्रक्रिया है।

“Measurement is the process of assigning numbers to objects according to certain agreed rules.”

ब्रेडफील्ड मोरडॉक के शब्दों में

 “मापन किसी घटना के विभिन्न आयामों को प्रतीक आबण्टित करने की प्रक्रिया है जिससे उस घटना की स्थिति का यथार्थ निर्धारण किया जा सके।

“Measurement is the process of assigning symbols to dimensions of a phenomenon in order to characterise the status of the phenomenon as precisely as possible.” – Bradfield and Mordock

हैल्म स्टेडर महोदय ने बताया

मापन को किसी व्यक्ति या पदार्थ में निहित विशेषताओं के आंकिक वर्णन की प्रक्रिया के रूप में पारिभाषित किया गया है।

“Measurement has been defined as the process of obtaining a numerical description of the extent to which a person or thing possesses some characteristics.”

            उक्त परिभाषाओं के आधार पर स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि मापन से वस्तुओं, व्यक्तियों को गुण धर्मों के आधार पर अंक, शब्द, अक्षर  या संकेत प्रदान किये जाते हैं।

Functions of Measurement/ मापन के कार्य

1 –  शील गुण निर्धारण।/ Determination of Trait

2 –  तुलना / Comparison

3 – भविष्य कथन /Prediction

4 – वर्गीकरण / Classification

5 – निदान / Diagnosis

6 – निर्देशन परामर्श / Guidance and Counseling

7 – शोध / Research

  उक्त सम्पूर्ण विवेचन यह स्पष्ट करता है कि ज्ञान के परिक्षेत्र में जो भी नए नए आयाम जुड़ते जा रहे हैं मापन भी अपने परिक्षेत्र का तदनुरूप विस्तार व रूप परिवर्तन करता जा रहा है।

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