स्वतन्त्रता दिवस

स्वतन्त्रता दिवस पर ये मेले चल रहे हैं

तुम भी मचल रहे हो हम भी मचल रहे हैं

हमको बदल दिया है संस्था के बन्धनों ने

जज्बात पूर्वजों के मुख से निकल रहे हैं ।1।

स्वतन्त्रता दिवस है जज्बे उछल रहे हैं

स्वतन्त्रता दिवस है जज्बे उछल रहे हैं ।।   

बलिदानियों की गाथा भारतीय सुन रहे हैं

कुछ सुन के गुन रहे हैं कुछ बहस कर रहे हैं

बलि ने बदल दिया है न बदला वन्दनों ने

कृतज्ञ हिन्दुस्तान  स्वर निकल रहे हैं। ।2।

स्वतन्त्रता दिवस है जज्बे उछल रहे हैं

स्वतन्त्रता दिवस है जज्बे उछल रहे हैं ।।   

जो दे गए हो लड़के सो दिल धड़क रहे हैं

वन्दन है आप सब का शोले भड़क रहे हैं

हमको व्यथित किया है भटकों ने क्रन्दनों ने

तुम सब समझ रहे हो,हम भी समझ रहे हैं। ।3।

स्वतन्त्रता दिवस है जज्बे उछल रहे हैं

स्वतन्त्रता दिवस है जज्बे उछल रहे हैं ।।   

अब सुन लो देश मेरा हर क्षण बदल रहा है

कुछ चल रहे हैं चालें हम हुंकार भर रहे हैं

करना तुम क्रान्ति पूजा जगाया है बंधनों ने

यह शीश है वतन का हम ले के चल रहे हैं।।4।

स्वतन्त्रता दिवस है जज्बे उछल रहे हैं ।   

स्वतन्त्रता दिवस है जज्बे उछल रहे हैं ।।   

हैं चन्द देश – द्रोही, अवरोध बन रहे हैं

जय चन्द जो बने हैं, हम वो मसल रहे हैं

बदलो न अपने तेवर जो दिए अभिनंदनों ने

‘नाथ’ क्रान्ति लौ जलाओ शोले दहक रहे हैं। ।5।

स्वतन्त्रता दिवस है जज्बे उछल रहे हैं

स्वतन्त्रता दिवस है जज्बे उछल रहे हैं ।।   

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