मूल्य की सीढ़ियाँ सत्यपथ पर बढ़ें

त्रास मत दीजिए, त्रास मत दीजिए।

बाँसुरी का जमाना, विदा हो चुका

ओज ले वीरपथ अनुकरण कीजिए।।

इस कठिन दौर में हम सभी चल रहे

अब न आराम है, काम ही काम है।

थम गए तुम अगर लक्ष्य कैसे मिले

प्रगति जिन्दगी शुभ का नव नाम है।

कर्म पथ से, कहीं  अब  भटकें नहीं

अनुसरण कीजिए अनुसरण कीजिए।

मूल्य की सीढ़ियाँ …….. …….. ……..

कुछ सभी काम में खामियाँ खोजते

नहीं करते हैं कुछ और बस बोलते ।

उन  सभी से निवेदन,  यही है यही 

छोड़ मन भेद निश्चित कर लो अभी।

सारे आदर्श,  मिल जाएंगे  देश  में

अनुगमन कीजिए,अनुगमन कीजिए।

मूल्य की सीढ़ियाँ …….. …….. ……..

दृढ़  प्रतिज्ञा करें, आत्म निर्भर बनें

कर्म हो सर्व प्रथम फिर सपने गढ़ें।

अति कुशल, हम बनें व आगे बढ़ें

तोड़ दें रूढ़ियाँ हर दम आगे चलें।

देशहित में सभी भेद तज दें अभी

आइए सौम्यपथ का वरण कीजिए।

मूल्य की सीढ़ियाँ …….. …….. ……..

कुल घाती कुछ तो रहेंगे संग सदा

वक़्त के साथ, वो भी बदल जाएंगे।

जो भटकते रहे स्वार्थवश ही सदा

वो कब तक भला अब बच पाएँगे।

मुख्य धारा, बुलाती सदा ही  रही

नाथ अब प्रेमरस आचमन कीजिए।

मूल्य की सीढ़ियाँ …….. …….. ……..

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