शोध कार्य की परिणति जब लघुशोध (Dissertation) या शोधग्रन्थ (Thesis) के रूप में हो जाती है तो कार्य पूर्ण नहीं हो जाता तथा कम शब्दों में सम्पूर्ण शोध कार्य को “शोध सार” के रूप में बोधगम्य बनाया जाता है जिससे कम समय में तत्सम्बन्धी कार्य क्षेत्र के बुद्धिजीवी उसे समझ सकें।

शोध सार (Research Abstract )

परास्नातक स्तर पर लघुशोध (Dissertation) और परास्नातक स्तर के पश्चात भारत में शोध (Thesis) पूर्ण होने पर अन्तिम अध्याय के रूप में या अलग से शोध सार का प्रस्तुतीकरण किया जाता है जिसे Research abstract, Research summary शोध सार संक्षिप्तिका आदि नामों से जानते हैं इसमें सम्पूर्ण शोध की प्रतिनिधिकारी शक्ति निहित होती है।

शोध सार की आवश्यकता (Necessity of research summary )

शोध ग्रन्थ में सम्पूर्ण परिश्रम के सकल आयाम पारिलक्षित होते हैं इसलिए उसका आकर दीर्घ हो ही जाता है लेकिन इस सम्पूर्ण ग्रन्थ का गहन अध्ययन अधिक श्रम व अधिक समय की माँग करता है इसलिए इसके लघु स्वरुप अर्थात शोध सार की आवश्यकता होती है इससे यह सहज बोधगम्य व सरल हो जाती है

शोध या लघु शोध हेतु शोध सार के महत्वपूर्ण बिन्दु[Main points for summary of thesis or dissertation]

  • भूमिका या प्रस्तावना (Introduction)
  • समस्या (Problems)
  • उद्देश्य (Objectives)
  • परिकल्पनाएं ( Hypothesis)
  • न्यादर्श व प्रयुक्त उपकरण (Sample & used tools)
  • आँकड़ों का संग्रहण व विश्लेषण (Collection & Analysis of Data)
  • निष्कर्ष (Outcomes)
  • सुझाव (Suggestions)

भूमिका या प्रस्तावना अति संक्षेप में एक पैरा ग्राफ में देना है। समस्या में केवल शीर्षक का नाम दें। उद्देश्य शोधानुसार बिंदुवार देने का प्रयास करें। परिकल्पनाएं बिन्दु के तहत केवल बनाई गई परिकल्पनाएं क्रमिक रूप से लिखें। न्यादर्श में शोध हेतु ली गई जनसँख्या के बारे में संक्षेप में लिखें प्रयुक्त उपकरण (tools)का संक्षिप्त विवरण दें आंकड़ों के संग्रहण व व विश्लेषण में प्रयुक्त व्यावहारिक तरीके का जिक्र करें। विधि प्रविधि प्रयुक्त सांख्यिकी संक्षेप में लिखें निष्कर्ष देते समय परिकल्पनाओं की जो स्थिति रही है उस आधार पर निष्कर्ष निष्पक्ष रूप से लिखें एवं अन्त में सुझाव संक्षेप में वर्गीकृत करते हुए बिंदुवार दें।

उक्त बिंदुओं का पृथकतः विशद विवेचन व व्याख्या इस लिए नहीं दी है क्योंकि शोधार्थी शोध कार्य करते हुए इतना प्रवीण हो जाता है की शोध कार्य के आशय को समझ सके। यह सम्पूर्ण शोध प्रबन्ध को सार रूप में लिखना ही है। इसे अपने शोध कार्य में से कट पेस्ट कर व आंशिक परिवर्तन कर सुगमता से तैयार किया जा सकता है। शोध सार की लेखन में प्रयुक्त शैली शोधानुरूप ही रहती है।

शोध सार लिखते समय ध्यान देने योग्य मुख्य तथ्य (Main factors while writing impressive summary)-

  • शोध सार शोध कार्य के अनुसार ही क्रमिक रूप से दिया जाना चाहिए।
  • शोध सार इतने सरल ढंग से दिया जाये कि वह सरल बोधगम्य व मूल्याङ्कन की दृष्टि से सुगम बन सके।
  • शोध में प्रयुक्त भाषा शैली का ही प्रयोगशोध सार लिखते समय करना चाहिए और वर्तनी की शुद्धता, टंकण (type) परिशुद्धता का ध्यान रखना चाहिए।
  • इसमें विभिन्न बिंदुओं का संक्षिप्त विवरण ही दें। यह हमेशा मनोमस्तिष्क में रहे कि यह शोध सार संक्षिप्तिका है।
  • ग्राफ, तालिका, चित्र व तुलनात्मक चार्ट आदि शामिल नहीं करने चाहिए।
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