सोलह कला सम्पूर्ण भगवान श्री कृष्ण चन्द्र भगवान के बारे में उठी जिज्ञासा का समाधान बड़ी बहन कैसे कर रही है ? योगिराज मुरलीवाले के जन्मोत्सव की शुभ कामनाओं के साथ इन दोनों बहनों की बाल लीला का भी आनन्द लें। राधे राधे ……..।
चुन्नी बोली मुन्नी से ये कान्हा क्या होता है,
क्या ये छोटे भैया जैसा गोरा गोरा होता है,
क्या ये भी तेरे सा रोने का राग सुनाता है,
या फिर पापा जैसा,मीठा छिपकर खाता है।
मुन्नी बोली चुप जा चुन्नी, ये बहुत ही प्यारे होते हैं,
घनश्याम कहा जाता इनको ये काले काले होते हैं,
ये सारी प्रकृति को सुन,मुरली का राग सुनाते हैं ,
ये बृज लीला करने को माखन और मिश्री खाते हैं।
सुन मुन्नी की बात चुन्नी अलसाई सी यूँ बोली,
क्यों फिर तेरे कान्हा ने बीच राह मटकी फोड़ी,
मथुरा जाते माखन की जबरन क्यों राह मोड़ी,
कान्हा जिद्दी है तेरा गलत कार्य वो करता है।
सुन चुन्नी की बात बड़की अम्माँ सी मुन्नी बोली,
कान्हा भोलाभाला सा है नटखटपन कर देता है,
माखन की वह राह रोक रंगीला बृज कर देता है,
बाकी तो लीला है पगली जीने की शिक्षा देता है।
बात बता मुन्नी दीदी क्या वो झगड़ा करवाता है,
क्या उसकी नादानी से कौरव वंश मिट जाता है,
क्या उसने कुरुक्षेत्र में झगड़े की वाणी बोली थी,
या पाण्डव उद्धार हेतु टक्कर की भाषा बोली थी।
मुन्नी बोली ना री ना वो मस्त फाग खेला करता था,
युद्ध बचाने की खातिर ही वह तो दूत बना डोला था,
उसने युद्ध क्षेत्र में सुन ले,नीति की वाणी बोली थी,
गीता जो घर में रखी है उसने मानवता को दी थी।
दोनों की बातें सुनकर दादी धीमे मुस्का देती हैं,
पाठ पूर्ण करने के बाद बच्चों को प्रसाद देती हैं,
कान्हा की जीवनचर्या जीवन की शिक्षा देती है ,
गर कुछ भी रह जाता, तो गीता समझा देती है।
——–डॉ 0 शिव भोले नाथ श्रीवास्तव