आलू का सोना बनाने से नहीं होगा,खुद को कुन्दन कर दिखाना होगा।

स्वप्न दिखाने से दर्शन तो नहीं होगा,भव्य श्री राम मन्दिर बनाना  होगा।

अब केवल जाग जाने से नहीं होगा,देश प्यारा है काम भी करना होगा।

दोस्तों बात करने से कुछनहीं होगा,आगेबढ़ सब करके दिखाना होगा।

अब सोचकर सो जाने से नहीं होगा,काम को अंजाम तक  लाना होगा।

केवल शिक्षण- शुल्क से नहीं  होगा,कोर्स करने कॉलेज में आना होगा।

सदा टिप -टॉप रह  घर नहीं चलता,मेहनत के गुर को,अपनाना  होगा।

हीरो दिखने से अब कुछ नही होता,पेशानी पे श्रम कण चमकाना होगा।

वासना में खोना है काम दरिन्दे का,इन्सां को ताजिन्दगी निभाना होगा।

गाल बजाने से अब कुछ नहीं होगा,जज़्बा है तो आदर्श दिखाना होगा।

खानदान वाले,जमाने अब  जा चुके,क़ुव्वत है तो मैदान में आना होगा।

प्यार से कहते हैं अब भी जागजाओ,नहीं तो झिंझोड़ कर जगाना होगा।

घबराकर छिटकजाने से नहीं होगा,जापान, चीन से सीख  बढ़ना होगा।

किसान एकबीज से बहुत करता है,उसेउसका हिस्सातो दिलाना होगा।

सिर्फ उत्पादन  बढ़ाने से नहीं होगा,उसे हाट  में ठीक से खपाना होगा।

मसखरी बहुत करी हिन्दोस्ताँ वालो,गम्भीरता से काम पर लगना होगा।

हमारे बुजुर्ग हमें यहाँतक खींच लाये,हमें कर्म की हद से गुजरना होगा।

जमाने में नकल से ही सबनहीं होगा,हिकमतेअक़ल से भी चलना होगा।

सपनों को सजाने से कुछ नहीं होगा,योग्य रण नीति को अपनाना होगा।

सिर्फ लिख कर बताने से नहीं होगा,एजुकेशन आचार्य को लगना होगा।

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