जीवन का संघर्ष सुनो, जब फल दिलवाने लगता है,
तब टूटा अन्तर्मन सुन लो, सच में हुलसाने लगता है,
सूखा हुआ समन्दर फिर, नव जीवन लाने लगता है,
जीवन का सच्चा अर्थ सुनो तब मन समझाने लगता है।
कटुवाणी से छलनी होना, जब विस्मृत करने लगते हैं,
स्वशब्दों परकर पुनर्विचार, हम मन्थन करने लगते हैं,
मन प्रिय वचनों की गहराई का सार समझने लगता है,
जीवन का सच्चा अर्थ सुनो तब मन समझाने लगता है।
दुःख में साथ न देने का जब, हम रोना रोने लगते हैं,
खुद की करनी को भूल,जगत के दोष गिनाने लगते हैं,
अगणित सुख को भूल मनुज कटु विगत चुनने लगता है,
जीवन का सच्चा अर्थ सुनो तब मन समझाने लगता है।
फसल सूख जाने का डर ही, हममें चेतनता भरता है,
यह डर कठिन परिश्रम हित, हमको प्रेरित करता है,
विविध साधनों द्वारा मानव, फसल को जीवन देता है,
जीवन का सच्चा अर्थ सुनो तब मन समझाने लगता है।
देखो फल के वृक्षों को हर समय में ना फल आता है,
जीवन संघर्षों का रण है,यह हर वृक्ष हमें समझाता है,
जब मानव, जीवन-संघर्षों का, सार समझने लगता है,
जीवन का सच्चा अर्थ सुनो तब मन समझाने लगता है।
छोटी- छोटी खुशियाँ भी,जब नजर चुराने लगती हैं,
सीधी, सादी, भोली बातें भी,बेमानी लगने लगती हैं,
शक के सागर को छोड़, सदभाव अपनाना पड़ता है,
जीवन का सच्चाअर्थ सुनो,तब मन समझाने लगता है।
रोगीकाया सुख भोग में जब असमर्थ बनाने लगती है,
जीवन की सुख समृद्धि का मतलब सिखाने लगती है,
सत्संग, प्राणायाम,व्यायाम सब ही यादआने लगता है,
जीवन का सच्चा अर्थ सुनो तब मन समझाने लगता है।
जीवन का असली अर्थ सुनो भ्रमवश खोजाने लगता है,
अपने पराए का भेदजान,जब मन यह रोवन लगता है,
तब आत्मबल, जीवटसंग सुखद संयोग बनाने लगता है,
जीवन का सच्चा अर्थ सुनो तब मन समझाने लगता है।