बैठे ठाले खाली गाल बजाना नहीं चाहिए,
बात बात पर हमें खिसियाना नहीं चाहिए,
वाणी शुचिता हो, ये बहुतेरे नेता भूल गए,
ओछे वचनों को हरगिज लाना ना चाहिए।
कथनी करनी में अन्तर लाना नहीं चाहिए,
केवल झूठी बातों को फैलाना नहीं चाहिए,
झूठ बोल कर कुछ देश को ही गटक गए,
झूठों के चक्कर में हमको आना न चाहिए।
धूम्र-पान करना और कराना नहीं चाहिए,
मद्यपान नशे की लत, लगाना नहीं चाहिए,
बोतल के सोम रस में लाखों जन डूब गए,
स्वयं पी, पिला कर, गिर जाना ना चाहिए।
जाति के चक्कर में, टकराना नहीं चाहिए,
भड़काऊ भाषा में फँस जाना नहीं चाहिए,
हमको लड़वा लड़वाकर बहुतेरे संवर गए,
इस चक्कर में सच्चा प्रेम गँवाना ना चाहिए।
रूढ़िवादी विचार आड़े आना नहीं चाहिए,
बेटी बेटे में भेद- भाव बनाना नहीं चाहिए,
इसी वजह से भारत में अँधियारे पसर गए,
निजघर में अन्धविश्वास फैलाना ना चाहिए।
धर्म व राजनीति पर टकराना नहीं चाहिए,
जज़्बाती बातों से राय बनाना नहीं चाहिए,
पढ़ लिख कर ग्रन्थ, ज्ञानी-जन समझ गए,
बिन समझे बूझे विश्वास बनाना ना चाहिए।