किसी का भी रोना धोना ना अच्छा लगता है,
माँ काली सी शक्ति संजोना अच्छा लगता है,
रोनाधोना केवल कमजोरी का परिचायक है,
हार न मानो ऑ भिड़ जाओ अच्छा लगता है।
समस्याओं से भग जाना, ना अच्छा लगता है,
लगातार श्रम करते रहना ही सच्चा लगता है,
मुँह लटकाना खुद गिर जाना, कष्ट दायक है,
संघर्षों से सीखते जाना अब अच्छा लगता है।
खुद अपने पर अविश्वास, ना अच्छा लगता है,
होशहवास संग आत्मविश्वास अच्छा लगता है,
संयम खो अवसाद से घिरना दुःखप्रदायक है,
सकारात्मकता से भर जाना, अच्छा लगता है।
बात बात पर घबरा जाना,ना अच्छा लगता है,
खुद सबका सम्बल बनजाना अच्छा लगता है,
समस्या को मसल हलकरना आनन्ददायक है,
रणनीति बनाना, व्यूह गढ़ना, अच्छा लगता है।
झंझावातों से कतराजाना, ना अच्छा लगता है,
तूफानों में खुद नाव चलाना, अच्छा लगता है,
मात्र जो निज स्वार्थ की सोचे,वह नालायक है,
टीम को मन्जिल पर पहुँचाना अच्छा लगता है।
कुछ हारों में अश्रु गिराना,ना अच्छा लगता है,
व्यूह प्रबन्धन शक्ति संयोजन अच्छा लगता है,
नाथ कहे जागे रह,चलते रहना फलदायक है,
हँसते, मुस्काते, बढ़ते जाना, अच्छा लगता है।