जिन्दगी संघर्ष है उद्घोष होना चाहिए।
मानसिक उत्थान हेतु जोश होना चाहिए ,
छोड़ देता है भरोसा खुद पे मानव आज क्यों ?
निज सफलता का उसे विश्वास होना चाहिए।
हाँ, असम्भव के विरुद्ध एक युद्ध होना चाहिए।
व्यग्रताएं छोड़कर स्वयं बुद्ध होना चाहिए।
वास्तविक उत्थान हित चित शुद्ध होना चाहिए।
छोड़ देता है मनुज सद्ज्ञान का फिर साथ क्यों ?
स्वयम के वर्चस्व हित प्रबुद्ध होना चाहिए।
हाँ, असम्भव के विरुद्ध एक युद्ध होना चाहिए।
संघर्ष की ललकार तो स्वीकार होना चाहिए।
परिस्थिति कैसी भी हो न रोना धोना चाहिए।
छोड़ देता है विषम स्थिति में मानव साथ क्यों ?
भविष्य में उत्थान हित लयबद्ध होना चाहिए।
हाँ, असम्भव के विरुद्ध एक युद्ध होना चाहिए।
अदम्य साहस शक्ति का संचरण होना चाहिए।
भाग्य का अवलम्ब तज अब करम होना चाहिए।
छोड़ देता है विषम स्थिति में मानव साथ क्यों ?
जन मनस प्रवृत्ति इसके विरुद्ध होना चाहिए।
हाँ, असम्भव के विरुद्ध एक युद्ध होना चाहिए।
मन के बल से शक्ति का अवतरण होना चाहिए।
परिस्थिति इच्छा शक्ति का ही चरण होना चाहिए।
तोड़ देता है ये हिम्मत आज का इन्सान क्यों ?
संवेदना हिम्मत के संग हमवार होना चाहिए।
हाँ, असम्भव के विरुद्ध एक युद्ध होना चाहिए।
अन्तः करण अनवरत ही गतिशील होना चाहिए।
सदमार्ग को सद् भाव के अनुकूल होना चाहिए।
मोड़ देता है मनुज मँझधार में मनभाव क्यों ?
मनभाव से जय वरण को क्रमबद्ध होना चाहिए।
हाँ, असम्भव के विरुद्ध एक युद्ध होना चाहिए।