जन्म पावन पर्व पर शुभ कामना स्वीकार कर लें।
असीम अनन्त मृदु मंगल भावना स्वीकार कर लें।1।
बढ़ रहें हैं आप अब इस अमल पर संज्ञान कर लें।
व्यूह रचना वयानुसार समय रहते स्वीकार कर लें।2।
अभीष्ट ध्येय जो आपका चैतन्य रह विचार कर लें।
अग्रजों का आशीष ले स्वमनस पर विश्वास कर लें।3।
प्रतिस्पर्धाऐं हैं अधिक इस हेतु कुछ सन्धान कर लें।
ध्यान रख निजस्वास्थ्य का समयचक्र तैयार कर लें।4।
तथ्य धारने से पूर्व अनुचित उचित का ध्यान कर लें।
मर्यादा में रहें, आदर्श जीवन मूल्यों से प्यार कर लें ।5।
मिथ्या धारणाऐं, रूढ़ि तज कर्म पर विश्वास कर लें।
‘नाथ’ दे दिल से दुआएं आत्म बल का साथ कर लें।6।