बृज धाम के गली मोहल्ले में बस जय श्री कृष्णा होता है।

खुशियाँ हर ओर महकती हैं जय जय श्री कृष्णा होता है ।।

आज ही तो वह शुभ दिन है कान्हा जन्म उत्सव होता है,

आकाश में बादल घिरते हैं, खुशियों का समागम होता है,

जो कुछ था अब तक निराकार, साकार रूप में होता है,

होते हैं जीवन सफल कई जब कृष्ण का आगम होता है ।

बृज धाम के गली मोहल्ले में बस जय श्री कृष्णा होता है।

खुशियाँ हर और महकती  हैं जयजय श्री कृष्णा होता है ।।

दिगदिगन्त है वृहद शोर बस शुभवर्षा का नर्तन होता है,

हर मन से भागता विषाद परमशुभ का पदार्पण होता है,

प्रकृति का हर कण झूमे है मन भावन परिवर्तन होता है,

हर जगह ही दिखता है उल्लास जसुदा के लाला होता है।

बृज धाम के गली मोहल्ले में बस जय श्री कृष्णा होता है।

खुशियाँ हर ओर महकती  हैं जय जय श्री कृष्णा होता है ।।

भादौं की अष्टमी तिथि ही है, ईश्वर का आगमन होता है,

असुर प्रकृति घिरती तम से सात्विक मन रोशन होता है,

प्रभु की लीला अनुपम होती भक्तों घर जागरण होता है,

जब रात के बारह बजते हैं कान्हा का जन्म तब होता है।

बृज धाम के गली मोहल्ले में बस जय श्री कृष्णा होता है।

खुशियाँ हर ओर महकती  हैं जय जय श्री कृष्णा होता है ।।

यमुना करती जब मधुर किलोल प्रभु का प्रगटन होता है,

प्रकृति भी करती है श्रृंगार,  बृज मन आह्लादन  होता है,

सौन्दर्य न बँधता शब्दों में उसका तो बस दर्शन होता है,

श्यामरात्रि की श्यामघटा से घनश्याम निरूपण होता है।

बृज धाम के गली मोहल्ले में बस जय श्री कृष्णा होता है।

खुशियाँ हर और महकती हैं जयजय श्री कृष्णा होता है ।।  

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