आज आप हों चाहे मैं, इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि जिन्दगी में भाग दौड़ बढ़ी है इस भाग दौड़ और प्रतिस्पर्धा में हम कब बीमारी की गिरफ्त जाते हैं पता ही नहीं चलता। नए नए रोग मानव को डरा रहे हैं इसी तरह की एक व्याधि है कैन्सर यानि कर्क रोग।
इसका डर इतना है कि कुछ लोग इसे सञ्चारी व्याधि मानने लगे हैं जब कि ऐसा है नहीं। यह रोगी के साथ खाना खाने, पानी पीने या सोने से नहीं फैलता।
इससे लड़ने के लिए शारीरिक के साथ मानसिक आत्मबल विशिष्ट भूमिका का निर्वहन करता है इसीलिये डरें नहीं लड़ें। एस 0 डी 0 शर्मा ‘सन्दल’ कहते हैं –
यारब उसी को मंजिले मक़सूद हो नसीब
गिर गिर के राहगीर जो दौरे सफर में है।
निरन्तर जिन्दादिली से सफर में रहने के लिए आत्म प्रेरित होकर ये उपाय अपनाए जा सकते हैं। याद रखें प्रारम्भिक स्तर पर सचेष्ट हो जाने से 60 % कैन्सर की रोकथाम सम्भव है।
कैंसर की रोकथाम के उपाय –
मानव को जीत के आत्मविश्वास के साथ परिस्थिति से भिड़ने को तैयार रहना चाहिए। गजलकार एस डी शर्मा ने कहा –
दुश्मन नहीं है मौत ही इन्सान की फ़क़त
खुद जिन्दगी के हाथ भी इन्सां भँवर में है।
इस भँवर से बचाने हेतु एक दर्जन उपाय कैंसर से बचने के यहाँ प्रस्तुत हैं –
1- शराब, तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, सिगार, सुपारी, पान मसाला, गुटका आदि किसी भी नशे का सेवन कदापि न करें।
2- हरी सब्जी, फल, दालें, रेशे वाला व विटामिनयुक्त भोजन ग्रहण करें।
3- फलों, सब्जियों और ऐसे पदार्थों जो कीटनाशक व खाद्य संरक्षण रसायनों के प्रभाव में हैं अच्छी तरह से धोकर खाने चाहिए।
4- तलने हेतु उसी तेल का बारम्बार प्रयोग या रिफाइंड का प्रयोग तत्काल प्रभाव से बन्द कर दें।
5- नियमित प्राणायाम, व्यायाम व भ्रमण को दिनचर्या में स्थान दें। आत्म विश्वास से युक्त प्रेरणादायक मुस्कान से खुद को सजाएं।
6- तले, भुने,अधिक चटपटे भोज्य पदार्थों की जगह उबले सादे भोजन को तरजीह दें।
7- प्रदूषण मुक्त वातावरण में प्रकृति के सानिध्य में रहने का प्रयास करें।
8- त्वचा, जिह्वा, होंठ, पित्ताशय, गुर्दा, मूत्राशय, मुख में किसी तरह का दाग, धब्बा और बार बार होने वाला घाव असामान्य है तुरन्त चिकित्स्कीय परामर्श लें।
9- शरीर में होने वाली गाँठों की जाँच आवश्यक है नज़र अंदाज न करें। सभी गाँठ कैंसर की नहीं होतीं।
10- लगातार किसी भी तरह का रक्त स्राव घातक है तत्सम्बन्धी टैस्ट हेतु तुरन्त कुशल चिकित्सक से सम्पर्क कर समाधान करें।
11- शरीर में होने वाला असामान्य परिवर्तन खतरे का संकेत है चाहे तेजी से वजन का गिरना ही क्यों न हो, निरीक्षित कराया जाना चाहिए।
12- गेहूँ का जवारा, होम्यो पैथी, आयुर्वैदिक उपचार प्रारम्भिक स्तर पर ही चिकित्सक की देख रेख में लिया जाना चाहिए।
उक्त उपायों के साथ स्वयं सकारात्मक रूप से प्रेरित रहें। युवराज, सोनाली बेन्द्रे, आयुष्मान खुराना की पत्नी और डाइरेक्टर ताहिरा कश्यप ,संजय दत्त, मनीषा कोइराला, नफीसा अली, लीसा रे आदि ऐसे व्यक्तित्व हैं जो कैंसर को मात देकर जिन्दादिली के हमराह बने। इनके अलावा बहुत से ऐसे आम नाम हैं जिनसे सभी परिचित तो नहीं लेकिन वे आपके आस पास के परिक्षेत्र में हैं और यथार्थ प्रेरणा स्रोत हैं। आज कैंसर से जीता जा सकता है अन्त में शीश महल की पंक्तियाँ जेहन में उकरती हैं –
आदमी वो है मुसीबत से परेशां न हो
कोई मुश्किल नहीं ऐसी के जो आसान न हो।