यह अद्भुत संयोग – सुखद है

माँ की ममता याद दिलाने का। 

हाँ उऋण नहीं हो सकता जन है

उस करुणा रस के बरसाने का।

मातृ दिवस एक मात्र दिवस है

माँ का ऋण याद दिलाने का ।1।

सम्मान सुनो एक मात्र शब्द है,

भावों को वसन पहनाने का।

यह प्रयत्न है सफल उतना ही,

जैसे सूर्य को दीप दिखाने का। 

मातृ दिवस एक मात्र दिवस है

माँ का ऋण याद दिलाने का ।2।

बचपन की स्मृतियाँ क्षीण हैं

कारण तेरे जग में आने का।

आज दीखता जो तन मन है ,

प्रमाण है तेरे कष्ट उठाने का।

मातृ दिवस एक मात्र दिवस है

माँ का ऋण याद दिलाने का ।3।

जो सर्वस्व हँसकर खो देती है,

सर्व त्याग माँ रूप ले लेती है।

खो निस्वार्थ नहीं कुछ लेने का

माँ कृत्यों से सिद्ध कर देती है।

मातृ दिवस एक मात्र दिवस है

माँ का ऋण याद दिलाने का ।4।

कष्ट उठा बच्चे को सुख दे देती है 

जीवन में  वो खुशियाँ  बरसा देती है

न चाह सम्मान निधि को पाने का

माँ भाव जड़ को चेतन कर देती है।

मातृ दिवस एक मात्र दिवस है

माँ का ऋण याद दिलाने का ।5।

वह धरती के सर्वगुण ले लेती है

ममता,दया,क्षमा गुण धर लेती है।

नहीं चाहती बदले में कुछ लेने का

माँ नाम जीवन में सार्थक कर देती है         

            मातृ दिवस एक मात्र दिवस है

माँ का ऋण याद दिलाने का ।6।

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