ज्ञान की उन्नति और विषयात्मक परिक्षेत्र में विस्तृत परिवर्तन

ज्ञान की उन्नति से आशय / Advancement of Knowledge

भारतीय ज्ञानकाश में ज्ञान से प्रदीप्त विद्वानों की एक विस्तृत श्रृंखला है। निरन्तर बदलते काल खण्डों ने वैश्विक परिक्षेत्र को बहुत से ज्ञानियों के आलोक से प्रदीप्त किया है ज्ञान एक निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है यह अनवरत चलने वाली प्रक्रिया अपने साथ विविध सकारात्मक परिवर्तन करती चलती है जो ज्ञान की उन्नति का पथ प्रशस्त करते हैं यद्यपि ज्ञान प्राप्ति का पथ दुरूह व कण्टकाकीर्ण होता है पर इसपर चलने वाले विज्ञजन लगातार होते आये हैं। इस प्रकार ज्ञान के क्षेत्र में होने वाली, मानव उत्थान में सहयोगी क्रियात्मक तलाश ही ज्ञान की उन्नति को परिलक्षित करती है।

            ज्ञान की उन्नति की यह बयार अपने साथ परिवर्तनों की आँधी लेकर चलती है जो विविध विषयात्मक परिक्षेत्र में होते हैं।

DISCIPLINARY AREAS / विषयात्मक परिक्षेत्र –

जब ऋषियों, मनीषियों, वैज्ञानिकों, ज्ञानियों की ज्ञान पिपासा नित नए परिक्षेत्र तलाशती है तो विविध क्षेत्र ज्ञान आप्लावित हो जाते हैं और उनमे व्यापक परिवर्तन होते हैं यहां जिस डिसिप्लिनरी एरिया की बात की जा रही है वह मुख्यतः बी०एड ० पाठ्यक्रम से सम्बन्धित हैं उन  DISCIPLINARY AREAS / विषयात्मक परिक्षेत्र को इस प्रकार क्रम दिया जा सकता है  –

(i) – सामाजिक विज्ञान / Social Science

(ii) – विज्ञान / Science

(iii) – गणित / Mathematic

(iv) – भाषाएँ / Languages

ज्ञान की उन्नति के प्रभाव / Effects of the Advancement of Knowledge –

Or  ज्ञान की उन्नति से विस्तृत परिवर्तन / Sea change due to advancement of knowledge

जिस तरह से सूर्य की धूप मुठ्ठी में बन्द नहीं की जा सकती, पुष्प की खुशबू विस्तार पाती ही है उसी प्रकार ज्ञान की उन्नति का प्रभाव समग्र क्षेत्रों पर पड़ता है निश्चित रूप से बी ० एड ० पाठ्यक्रम में प्रदत्त विषयात्मक परिक्षेत्र पर भी उनका प्रभाव परिलक्षित होता है यहां सुविधा की दृष्टि से एक -एक का अध्ययन करेंगे –

1 – सामाजिक विज्ञान पर ज्ञान की उन्नति का प्रभाव / Impact of the Advancement of Knowledge on the Social Sciences

A -विविध विषयों का अद्वित्तीय संयोजन / Unique Combination of Various Subjects
B – मानवीय सम्बन्धों के अध्ययन में अमूल्य योगदान / Invaluable contribution to the study of human relations

C – समृद्ध सामाजिक जीवन का आधार / Base of a prosperous social life

D – स्वस्थ सामाजिक परिवेश / Healthy social environment

E - प्राचीन और अद्यतन का अद्भुत समावेश / wonderful mix of ancient and modern
F - भावी जीवन की तैय्यारी/ Preparation for future life

G – जागरूकता विकास समस्या समाधान में सहायक/Awareness Development Helpful in Problem Solving

H – सत्य व ज्ञान की खोज की प्रेरक / Motivator of search for truth and knowledge

2 – विज्ञान पर ज्ञान की उन्नति का प्रभाव / Impact of the Advancement of Knowledge on the Science

आज का युग विज्ञान का युग है और विज्ञान के आधार पर भौतिक युग में हम अपने को यथार्थ के अधिक निकट पाते हैं ज्ञान के प्रस्फुटन से विज्ञान को भी दिशा मिली और इसने मानव की जिंदगी आसान करने में अहम् भूमिका अभिनीत की। कुछ परिवर्तन के क्षेत्र इस प्रकार हैं –

01 – स्वास्थ्य व चिकित्सा / Health and Medicine

02 – कृषि / Agriculture

03 – उद्योग / Industry

04 - सञ्चार / Communication

05 – परिवहन / Transport

06 – मनोरञ्जन/ Entertainment

07 – खाद्यान्न उत्पादन व संरक्षण / Food production and preservation

08 – अन्तरिक्ष / Space

09 – युद्ध / War

10 - घरेलू साधन / Household appliances
      उक्त के अतिरिक्त भी बहुत से परिक्षेत्र गिनाये जा सकते हैं उनमें मुख्य है मूल्य सम्वर्धन - बौद्धिक मूल्य (Intellectual Values), नैतिक मूल्य (Moral Values), व्यावहारिक मूल्य (Practical Values), मनोवैज्ञानिक मूल्य (Psychological Values), साँस्कृतिक मूल्य (Cultural Values), सौन्दर्यात्मक मूल्य (Aesthetic value),, व्यावसायिक मूल्य  (commercial value) आदि।
 

गणित के क्षेत्र में ज्ञान की उन्नति से होने वाले परिवर्तन/Changes due to advancement of knowledge in the field of mathematics –

दुनियाँ में ज्ञान का सागर हिलोरें मार रहा है बहुत सा ज्ञान कल्पना से यथार्थ की और चलता है तो बहुत सा यथार्थ की मज़बूत नीव पर समस्या समाधान की योग्यता रखता है गणितीय आधार ऐसा ही है जिसमें एक सिद्धान्त एक दिशा का बारम्बार सत्य यथार्थ बोध कराता है। ज्ञान की उन्नति ने इसे नीरसता से सरस यथार्थ की और अग्रसारित किया है कुछ परिवर्तन इस प्रकार हैं –

0 1 – बौद्धिक मूल्य/ Intellectual Value

0 2 - नैतिक मूल्य / Moral Values

 0 3 – सामाजिक मूल्य / Social Value

0 4 – प्रयोगात्मक मूल्य / Experimental value

0 5 – अनुशासनात्मक मूल्य / Disciplinary Values

0 6 – सांस्कृतिक मूल्य / Cultural Values

0 7 – जीविको पार्जन मूल्य/ Livelihood Earning Value

0 8 – मनोवैज्ञानिक मूल्य/ Psychological Value

0 9 – कलात्मक मूल्य/ Artistic value

1 0 – अन्तर्राष्ट्रीय मूल्य/ International value

   वास्तव में मानव मानस को सत्य का महत्त्वपूर्ण बोध गणित ने कराया और दिशा दी इसीलिये प्लेटो महोदय को कहना पड़ा –

 “Mathematics is a subject which provides opportunities for training the mental powers.”

”गणित एक ऐसा विषय है जो मानसिक शक्तियों को प्रशिक्षित करने के अवसर प्रदान करता है।”

भाषा के क्षेत्र में ज्ञान की उन्नति से होने वाले परिवर्तन/Changes brought about by the advancement of knowledge in the field of language –

भाषा ही वह माध्यम है जिसने दूरियों को मिटा निकटता स्थापित करने का काम किया है ज्ञान की प्रगति ने हमें विविध भाषाओं को समझने में मदद की है और सभी क्षेत्रों में उच्च प्रतिमान गढ़े जा रहे हैं परिवर्तनों को इस प्रकार इंगित किया जा सकता है –

1- ज्ञान प्राप्ति का प्रमुख साधन / Main source of knowledge

2 – राष्ट्रीय एकता की दिशाबोधक /Guide of National Integration

3 – विचार विनियम में सरलता / Ease of exchange of thoughts

4 – व्यक्तित्व निर्माणक/ Personality builder

5 – अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों को बढ़ावा /Promotion of international relations

6 – सामाजिक जीवन का प्रगति आधार / Progress Basis of Social Life

7 – चिन्तन, मनन का आधार / Thinking, the basis of meditation

8 – प्रगति का आधार /The basis of progress

9 – कला,सभ्यता,संस्कृति,साहित्य का आधार /The basis of art, civilization, culture, literature    

अब तक का प्रस्तुतीकरण यह भी बोध कराता है कि और भी बहुत सारे परिवर्तन इसमें शामिल होने से रह गए हैं छोटे से काल खंड में विवेचना दुष्कर है जैसे शोध परिक्षेत्र  क्रान्ति इसी ज्ञान प्रस्फुटन का परिणाम है अन्यथा यह तीव्रता संभव ही नहीं थी। ज्ञान की उन्नति मानव को सर्वोत्कृष्ट प्रदान करने में सभी परिक्षेत्रों में मदद करेगी और सभी क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन निरंतर होते रहेंगे।

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