आकलन 

आकलन शिक्षार्थियों के अधिगम और विकास के बारे में पता लगाने का व्यवस्थित आधार है इससे विद्यार्थी को अधिगमित करने और विकसित होने में मदद मिलती है यह जानकारी एकत्र करने, विश्लेषण करने और उपयोग करने की प्रक्रिया है। यह प्राथमिकताओं को तय करने, सूचना प्राप्ति और आवश्यकताओं को ज्ञात करने की महत्त्व पूर्ण पद्धति है। विद्यार्थियों की उपलब्धि को ज्ञात करते समय अध्यापक द्वारा किसी मानक के आधार  पर मूल्य निर्णय करना आकलन कहलाता है।

इरविन के अनुसार –

“आकलन छात्रों के व्यवस्थित विकास के आधार का अनुमान है। यह किसी भी वस्तु को पारिभाषित कर चयन, रचना,संग्रहण,विश्लेषण,व्याख्या और सूचनाओं का उपयुक्त प्रयोग कर छात्र विकास तथा अधिगम को बढ़ाने की प्रक्रिया है।”  

“Assessment is an estimate of the basis of systematic development of students. It is the process of defining any object, selecting, creating, collecting, analyzing, interpreting and using information appropriately to enhance student development and learning.”

NEED OF ASSISMENT (आकलन की आवश्यकता) –

विद्यार्थियों किन अधिगम की क्षमता ही उसकी प्रगति का प्रमुख आधार बनती है अतः क्षमता का आकलन परम आवश्यक है। अधोवर्णित बिंदुओं के आधार पर इसकी आवश्यकता को समझा जा सकता है।

01 – विविध विषयात्मक परिक्षेत्र में अधिगम

02 – कौशल विकास व समन्वय

03 – स्वस्थ व उपयोगी जीवन स्तर की प्राप्ति

04 – आत्म प्रेरणा व रुचयात्मक विकास 

05 –  सु समायोजन हेतु

06 – समय के साथ कदमताल हेतु

07 – सम्यक प्रतिक्रिया अभिव्यंजन हेतु

08 – आत्म मूल्यांकन व आत्म विश्लेषण हेतु 

09 – दीर्घकालिक अधिगम हेतु

10 – समसामयिक मुद्दों के प्रति जागरूकता

IMPORTANCE OF  ASSISMENT (आकलन की महत्ता) –

वर्तमान परिप्रेक्ष्य में परिवेश से बेखबर रहकर नहीं रहा जा सकता इसलिए यह आवश्यक है कि निरन्तर स्वआकलन किया जाए और यथार्थ के धरातल पर रहकर प्रगति सुनिश्चित की जाए। इस आकलन की महत्ता को इन बिंदुओं के आधार पर विवेचित किया जा सकता है। –

1 – शक्ति परिक्षेत्र/ Areas of strength

2- कमजोरी के क्षेत्र / Areas of weakness

3- प्रेरणा  / Motivation                                       

4- पृष्ठपोषण / feedback

5- प्रगति सुधार / Improving progress

6 – जवाबदेही / Accountability

7- अद्यतन जानकारी  Up to date information

8- क्षमता सुधार  Performance Improvement

9- निर्णयन क्षमता / Decision making capacity

                उक्त सम्पूर्ण विवेचन से स्पष्ट है कि आकलन आज महत्त्वपूर्ण परिक्षेत्र है और समय रहते सम्यक आकलन प्रगति के नए आयाम गढ़ सकता है। आकलन की आवश्यकता व महत्त्व दूरगामी नीति में सहायक सिद्ध होते हैं। विविध राजनीतिक पार्टी स्व आकलन करती रहती हैं उसी तरह व्यक्तिगत स्तर पर भी यह परमावश्यक है।

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