बदल रहा है साल, बताओ क्या क्या बदला ?
जीवन का कैसा हाल बताओ कितना बदला ?
कुछ हुए खस्ता हाल किसने लिया है बदला ?
क्या हो गया कमाल, मुकद्दर कितना बदला ?
जीवन है दिन चार चीख मत सब ला, सब ला,
बहे सुख की मन्द बयार ऐसा मन ला, तन ला।1।
क्यों मची चीख पुकार लगा जग बदला बदला
किसने किया धमाल, किसने किस पर हमला।
कहाँ था गीत मल्हार, कहाँ बजता बस तबला,
सुख चैन की कहाँ बयार कहाँ है हमला हमला।
जीवन है दिन चार चीख मत सब ला, सब ला,
बहे सुख की मन्द बयार ऐसा मन ला, तन ला।2।
धर्म पर हुआ प्रहार, कहाँ जीवन -जन बदला,
सुख का कहाँ है सार कहाँ है सब ला,सब ला।
अध्यात्म में सुखसार सँभल, ना तम ला,तम ला
किए क्या क्या बदलाव, किन का जीवन बदला।
जीवन है दिन चार चीख मत सब ला, सब ला,
बहे सुख की मन्द बयार ऐसा मन ला, तन ला।3।
भौतिकता क्रूर प्रहार, कहे बस हमला हमला,
कैसा स्वास्थ्य सुधार, क्या तन मन कुछ बदला।
है जल का कैसा हाल, प्रबन्धन कितना बदला,
किया पर्यावरण बेहाल वृक्ष कट हो गया गमला।
जीवन है दिन चार चीख मत सब ला, सब ला,
बहे सुख की मन्द बयार ऐसा मन ला, तन ला।4।
कर ले भूल सुधार, न कह अब हमला हमला,
कर मत कभी प्रहार बनेगा जग बदला बदला।
मत बन पृथ्वी पे भार, मनस मत पगला पगला,
मिला है इक नवसाल चलन हो संभला संभला।
जीवन है दिन चार चीख मत सब ला, सब ला,
बहे सुख की मन्द बयार ऐसा मन ला, तन ला।5।