प्राची – लाली आधार तले
काला सा साया रहता है।
वह काला काला दिल लगता
कालिमा ओढ़ कर चलता है।
राष्ट्र मूल्य अवनमन सहता है।
गणतन्त्र दिवस कुछ कहता है ।1।
आज़ादी के सपने पिघले
आँसू सा बनकर बहता है।
है, नौ जवान बुड्ढा लगता
वह बुझा बुझा सा रहता है।
राष्ट्र मूल्य अवनमन सहता है।
गणतन्त्र दिवस कुछ कहता है ।2।
नेतृत्व के दावे हैं छिछले
अध्यापक घुट घुट मरता है
वेतन घटता फिर कम मिलता
कर्त्तव्य निर्वहन करता है।
राष्ट्र मूल्य अवनमन सहता है।
गणतन्त्र दिवस कुछ कहता है ।3।
बेटी बहनों का दिल दहले
अस्मत पर धब्बा लगता है।
खी खी करता हँसता शासन
हर शै से डर सा लगता है।
राष्ट्र मूल्य अवनमन सहता है।
गणतन्त्र दिवस कुछ कहता है ।4।
दल की जुबान फिसले फिसले
वोटर को हर दल ठगता है ।
बस वादों का अम्बार लगता
और मुफ़्त मुफ्त बस कहता है।
राष्ट्र मूल्य अवनमन सहता है।
गणतन्त्र दिवस कुछ कहता है ।5।
कब होंगे नहले पर दहले
आगत का गणित क्या कहता है।
क्यूँ चहका चहका है फिरता
क्या कुछ बदला सा लगता है।
राष्ट्र मूल्य अवनमन सहता है।
गणतन्त्र दिवस कुछ कहता है ।6।