चुन्नू बोला मुन्नी से,गुड़िया का ब्याह रचाएंगे,
मुन्नी चहकी चुन्नू भैय्या गुड़िया देखने आएंगे,
आजाना,हाँ आ जाना कमी नहीं कुछ पाएंगे,
लिखीपढ़ी मेरी गुड़िया शानसे उसे दिखाएँगे।
गुड्डा चाहे है गुड़िया को रस्म निभाने आएंगे,
देखादेखी हो जाएगी हम पक्की कर आएंगे,
बाकी सारी रस्में, शादी के दिन करनी होंगी,
पर सारी तैयारी तो शादीसे पूर्व करनी होगी।
चिन्तासे बोला चुन्नू शादी दिनमें करनी होगी,
खर्चा भी बच जाएगा ना कोई दिक्कत होगी,
मुन्नी बोली ठीक कहा, गुड्डा यही मानता है,
वैदिकयुग रीति को ही वह उचित मानता है।
शादी होती थीं दिनमें अच्छी तरह जानता है,
लोकदिखावा रीति को उचित नहीं मानता है,
गुड्डे गुड़िया हैं पढ़े लिखे वे युग धर्म निभाएंगे,
सुनलो चुन्नू करो तैयारी हम बारात ले आएंगे।