सहज स्वीकार्यता होना ये रहती वक़्ती जरूरत है,
सहज स्वीकार्य तब होंगे अनवरत गर अक़ीदत है।
ऐसे मौसम भी आएंगे, कुछ ख़ास अपने चिढ़ाएँगे,
चिढ़ना मत व भिड़ना मत यही असली इबादत है।
यह भारत है, ये भारत है,यह भारत है,ये भारत है ।1।
ऐेसे बन्दे भी होंगे, आचरण जिनका खिलाफत है,
वे बढ़कर गरियाएंगे,बस यही उनकी रिवायत है।
तब्दीली के दौर आएंगे, ये रोयेंगे और चिल्लाएंगे,
विचलित मत होना जरा,समय की यह विरासत है।
यह भारत है, ये भारत है,यह भारत है, ये भारत है ।2।
आदर्श तुम सब चुन लेना, गर तुममें लियाकत है,
कोई गर बाधा बनता है तो ये उनकी हिमाकत है।
समय फेरे फिर आएंगे, ये सब के सब मारे जाएंगे,
मगर बेखौफ तुम बढ़ना सच बढ़ने की जरूरत है।
यह भारत है,ये भारत है,यह भारत है, ये भारत है।3।
कर्म पर दृढ़ हर दम रहना, नहीं कोई रियायत है,
तुम्हें मशरूफ कर देना व्यवस्था की सियासत है।
सबको गुमराह कर देंगे, हरदम लालच दिखाएंगे,
चक्कर में तुम मत आना, यह फौरी अक़लियत है।
यह भारत है,ये भारत है,यह भारत है, ये भारत है ।4।
सत्कर्म पर बस डटे रहना होगी उसकी इनायत है,
जो भी रस्ते में आएगा, समझो उसकी क़यामत है।
तुम्हारे दिन भी बहुरेंगे और अच्छे दिन भी आएंगे,
हुनर ले निखरते रहना यह ही असली शराफत है।
यह भारत है,ये भारत है,यह भारत है, ये भारत है ।5।
सजग रहना, सरल रहना, समय की ये नजाकत है,
तुम्हारे जैसे लोगों से, वतन की सम्भव हिफाजत है।
तुम ही सम्बल, तुम ही रहबर ‘नाथ’ ये गुनगुनायेंगे,
वतन की उन्नति तुम करना तुम्हारे बल पर भारत है।
यह भारत है,ये भारत है,यह भारत है, ये भारत है ।6।