शुद्ध नीयत से नीति का निर्माण होना चाहिए
अनुपालन हेतु सम्यक व्यवहार होना चाहिए।
परम्परागत मर्म का अनुकरण हुआ है अब तक
नव आवश्यकतानुसार व्यवहार होना चाहिए।
शिक्षा को नव क्रान्ति का पर्याय होना चाहिए
नवयुग में नई सोच का प्रभाव होना चाहिए।1।
शिष्टाचार स्वविवेक के अनुसार होना चाहिए,
विवेक जागरण प्रयास बारम्बार होना चाहिए।
प्राप्त अनुशासन का पालन हुआ है अब तक,
अनुशासन में नव सूत्र का प्रवाह होना चाहिए।
शिक्षा को नव क्रान्ति का पर्याय होना चाहिए
नवयुग में नई सोच का प्रभाव होना चाहिए।।2।
उपभोग – वृत्ति पर पुनः विचार होना चाहिए,
बाजारवादी संस्कृति का संहार होना चाहिए।
मर्यादा और मूल्यों को हमने बेचा है अबतक,
इनके संरक्षण का अब व्यवहार होना चाहिए
शिक्षा को नव क्रान्ति का पर्याय होना चाहिए
नवयुग में नई सोच का प्रभाव होना चाहिए।3।
गहनतम अन्धकार का न प्रसार होना चाहिए,
अधोगामी सिद्धान्त, पुनः विचार होना चाहिए।
जो सैद्धान्तिक तथ्य फलित न हुए हैं अब तक,
उनमें परिवर्तन हेतु, सद् विचार होना चाहिए।
शिक्षा को नव क्रान्ति का पर्याय होना चाहिए
नवयुग में नई सोच का प्रभाव होना चाहिए ।4।
रूढ़ियुक्त रिवाजों का तिरस्कार होना चाहिए,
सड़े गले विचारों को दर किनार होना चाहिए।
विविध गलत तथ्यों का बोझ ढोया है अब तक,
अब उनसे दूर हटकर सद् प्रचार होना चाहिए।
शिक्षा को नव – क्रान्ति का पर्याय होना चाहिए
नव – युग में नई सोच का प्रभाव होना चाहिए । 5।
वह इतिहास कत्तई, न अंगीकार होना चाहिए,
जो राष्ट्र हित में हो वही स्वीकार होना चाहिए।
गलत इतिहास से परिचित कराया है अबतक,
सत्य सम्वर्धन विकास का आधार होना चाहिए।
शिक्षा को नव – क्रान्ति का पर्याय होना चाहिए
नव – युग में नई सोच का प्रभाव होना चाहिए ।6।
मिथ्या मानदण्डों में परिष्कार होना चाहिए,
कर्मकाण्ड सुधार का आचार होना चाहिए।
आदमी ने आदमी को बहुत छला है अब तक
बदले युग में मानवता का प्रचार होना चाहिए।
शिक्षा को नव – क्रान्ति का पर्याय होना चाहिए
नव – युग में नई सोच का प्रभाव होना चाहिए ।7।