विश्वास करके खुद पर
मुश्किल को पटक सकते हो
सिरे से अवसाद कुचल
परिस्थिति पलट सकते हो ।1।
आत्मबल को कर प्रबल
हलाहल को खटक सकते हो
अवचेतन को बना सम्बल
समस्या को झटक सकते हो ।2।
बुद्धिबल को कर वन्दन
विद्वत्व को लपक सकते हो
मेधा को कर अभिनन्दन
साहस को झपट सकते हो ।3।
सृजन को कर सभी अर्पण
बाधा को डपट सकते हो
असत्य को दिखा कर दर्पण
उत्कर्ष को गटक सकते हो ।4।
कण्टकाकीर्ण पथ पर चल
विजय को गपक सकते हो
आत्मशक्ति पर दृढ़ रहकर
लक्ष्य को सटक सकते हो ।5।
जहरीले रुख को मोड़कर
सुधा को गटक सकते हो
बुराइयाँ नाथ सब छोड़कर
अमावस में चमक सकते हो ।6।