वो सियासत के बाज हैं और हम तो बस शिकार हैं,
वो खून से हैं रंगे हुए और हम तो बहती धार हैं,
मौत का कारण हैं वो, हम जिन्दगी की किताब हैं,
वो जीत का प्रतीक हैं और हम तो इन्कलाब हैं।
उन्हें दोस्तों की तलाश है हम दोस्ती काबिल न हैं,
उन्हें काम का जूनून है, हमें काम की दरकार है,
वे हैं रोशनी में रँगे हुए हम अँधेरों के हमराह हैं,
उन्हें तृष्णगी ने घेरा है, हम सादगी के कायल हैं।
वो लिबास हैं लाख के,हमें मयस्सर मुश्किल से हैं,
पनही चमके राह में हमें काँटो का न अहसास है,
वे खुशबुओं से घिरे हैं,हमें खुशबुओं से न काम है,
वे रंगीनियत का धाम हैं,हमें असलियत से काम है।
वे गाड़ियों से चलते हैं, हमें पगों पर विश्वास है,
वे जब नशे में रहते हैं, हम सहमे- सहमे रहते है,
उन्हें प्यार से डर लगता है हम प्यार उन्हें करते हैं ,
उन्हें देश की चिन्ता नहीं,हम उनकी चिन्ता करते हैं।
वो चमक हैं इस दौर की हम बुझे बुझे से रहते हैं,
वे महफ़िलों की शान हैं और हम रहे गुमनाम हैं,
उन्हें फीजियोसे वास्ता,हमें दण्ड-बैठक से काम है,
उन्हें मौसमों का पता नहीं यहाँ दरकते अरमान हैं।
धूल से वास्ता नहींआपका,हमें धूल से ही काम है,
वो उड़ें तो आसमान है, अपना जमीं ही धाम है,
वो जॉनीवॉकर पीते हैं, हमें सादे जल का पान है,
वो धड़कनें हैं देश की, हम तो बस इक श्वाँस हैं।
उसने कुत्ते पाले रक्खे हैं, हमें गाय माँ से काम है,
वो दवा भी हैं विदेशी,अपना जड़ी बूटी मुकाम है,
वो चलें तो चलती जिन्दगी हम बस इक विराम हैं,
वो बातों के दुमछल्ले हैं,हमेंअसलियत से काम है।
वो क्रूरता की कहानी हैं हम अब के आफताब हैं,
वो तम के पैरोकार हैं, कहने को हम सरकार हैं,
जो लहू बहा है देश में हम उसका एक प्रकार हैं,
वो प्यार से गर बोल दें हम फिर उन्ही के साथ हैं।
वो फूल पत्ते हैं पेड़ के हम जड़ के बस पर्याय हैं,
वे देखे जाते हैं शान से हमें बस काम से काम है,
वो नेतृत्व शक्ति देश की, हम तो बस आवाम हैं,
वो हैं चमकते इण्डिया और हम तो हिन्दुस्तान हैं।