आज है चौदह फरवरी का दिन
सब विविध तरह से मनाते हैं।
पच्चीसवीं सालगिरह शादी की
नव खुशियों से जुड़ जाते हैं।
आओ आओ
गरिमा संग ये शुभ पर्व मनाते हैं ।1।
विगत दिनों के साक्षी गत दिन
किस्से सब याद दिलाते हैं।
वह अजब घड़ी थी परीक्षा की
हम क्षण सब याद दिलाते हैं।
आओ आओ
गरिमा संग ये शुभ पर्व मनाते हैं ।2।
शिशु किलकारियों के वे दिन
हमको सब याद दिलाते हैं।
खुशियाँ शुभ युगल आरती की
अनुराग सहित हम गाते हैं।
आओ आओ
गरिमा संग ये शुभ पर्व मनाते हैं ।3।
बच्चों साथ परिश्रम के दिन
सब प्रतिपल याद आते हैं।
गुजर गई घड़ी दीक्षा की
अक्षत संग रोली लगाते हैं।
आओ आओ
गरिमा संग ये शुभ पर्व मनाते हैं ।4।
खट्टे मीठे अनुभव के वे दिन
कुछ ना कुछ हमें सिखाते हैं।
सम्बन्धों की महिमा गरिमा की
स्नेहमयी शपथ दिलवाते हैं
आओ आओ
गरिमा संग ये शुभ पर्व मनाते हैं ।5।
नई नई चुनौतियों के वे दिन
सम्बन्ध सु-मधुर बनाते हैं।
स्वागत विविध परीक्षा की
‘नाथ’ मर्यादित रीति बताते हैं।
आओ आओ
गरिमा संग ये शुभ पर्व मनाते हैं ।6।