आज जो परिचर्चा आपके समक्ष प्रस्तुत है उसका मूल उद्देश्य विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में अच्छे अंकों की प्राप्ति से है। ध्यान रहे यह परिचर्चा स्नातक, परास्नातक और प्रशिक्षण कार्यक्रम को ध्यान में रखकर की जा रही है। कोरोना काल में प्रश्नों की संख्याऔर समय में जो कमी की गयी थी वह सामान्य स्थिति में पुनः पहले जैसी रहेगी अर्थात वही तीन घण्टे वाला प्रश्नपत्र। यहाँ पूछे गए प्रश्नों के आधार पर प्रभावी उत्तर लेखन (प्रस्तुतीकरण) सम्बन्धी मत दिए जा रहे हैं जिससे निश्चित रूप से अच्छे अंक प्राप्त होंगे।

A -दीर्घ उत्तरीय प्रश्न [Long Answer Type Question]

B – लघु उत्तरीय प्रश्न [Short Answer Type Question] 

C – शब्द संख्या वाले प्रश्न [word count question]

D – अति लघु उत्तरीय प्रश्न [Very Short Answer Type Question]

A –दीर्घ उत्तरीय प्रश्न [Long Answer Type Question] –

1 – प्रश्न सावधानी से पढ़ें और केवल पूछी गई बात का ही उत्तर दें अनावश्यक नहीं।

2 – प्रश्न में ध्यान से देखें क्या अंक विभाजन दिया गया है ?यदि हाँ ,तो उत्तर उसी आधार पर लिखा जाना चाहिए। यदि 16 अंक के प्रश्न में 4 +6 +6  लिखा है तो उत्तर में इस अनुपात का ध्यान रखकर प्रभावोत्पादकता सृजित करनी है।

3 – बड़ा बड़ा लिखकर पृष्ठ भरने का अनर्गल प्रयास कदापि न करें। सम्यक लिखें।

4 – परीक्षक को धोखा देने का कोई प्रयास न करें अपने ऊपर और अपने लेखन कौशल पर नियन्त्रण रखें। रटे हुए शीर्षक की जगह प्रश्न में पूछे गए तथ्यों को शीर्षक के रूप में प्रयोग करें।

5 – अपनी बात के समर्थन में विद्वानों के उद्धरण ( Quotes ) या तथ्यात्मक तर्क(Logic) दें। इन्हें अलग रंग की स्याही से लिख सकते हैं (वर्जित रंग को छोड़कर), रेखांकित(Under Line ) भी किया जा सकता है।

6 – स्वयम् बनाकर उद्धरण (Quotation) न लिखें यह विद्वान् परीक्षकों द्वारा सहज ही पकड़ लिए जाएंगे और आपके सम्पूर्ण मूल्यांकन पर विपरीत प्रभाव डालेंगे।  

7 – उद्धरण को इस तरह लिखें कि वह स्पष्ट नज़र आये यद्यपि आज डॉट पेन या बाल पेन से लिखने का चलन है लेकिन यदि आप इंक पेन या निब वाले पेन से लिखने के अभ्यस्त हैं तो इससे लिखें यदि प्रतिबन्ध नहीं है।

8 – कोई ऐसा अवसर नहीं छोड़ना है जिससे प्रभाव पैदा किया जा सके।

9 – वास्तव में आपके नोट्स ही वह अवलम्ब हैं जो आपको संतुलन या सकारात्मकता प्रदान करते हैं।

10 – योजना, प्रदर्शन, परिमार्जन का चक्र आपके प्रश्नोत्तर लिखने के कौशल में निरन्तर सुधार करेगा।

B – लघु उत्तरीय प्रश्न [Short Answer Type Question] –

1 – लघु उत्तरीय प्रश्न हल करने में ध्यान रखना है कि अति अल्प में प्रभाव पैदा करना है।

2 – केवल उतना ही लिखें जो प्रश्न की मांग हो।

3 – उत्तर बिन्दुवार लिखने का प्रयास करें।

4 – यदि प्रश्न में चार कारण या पाँच उपाय जो व जितना पुछा है उतना ही लिखें।

5 – समय के साथ यथायोग्य साम्य रखें।

6 – गागर में सागर भरने का प्रयास करें लेकिन जितने अंक का प्रश्न है उसी के अनुसार लिखना है।

C – शब्द संख्या वाले प्रश्न [word count question]-

कभी कभी प्रश्न अपने उत्तर हेतु शब्द संख्या का निर्देश साथ लेकर आता है और इसी से उसके आकार का पता चलता है पुछा जा सकता है कि 2000 शब्दों में उत्तर दें या 100 शब्दों में लिखें।

उक्त स्थिति में आपके द्वारा लिखे एक पंक्ति के शब्दों को गईं लीजिये और उसके आधार पर तय कीजिये की उत्तर कितने स्थान में देना है।

उदाहरण स्वरुप यदि मैं एक पंक्ति में औसतन 10 शब्द लिखता हूँ तो 100 शब्दों हेतु 10 पंक्तियाँ पर्याप्त हैं इससे थोड़ा बहुत ज्यादा हो सकता है पर कई पृष्ठ लिखना असंगत होगा।

 पूरे उत्तर के शब्द गिनने में समय बरबाद न करें पहले ही अन्दाज विकसित करें घर पर लिखकर भी ठीक विचार कर सकते हैं। प्रश्न पात्र बांटने से पहले पृष्ठ की पंक्तियाँ गिन सकते हैं।

शब्द सीमा देने का सीधा आशय यह होता है कि प्रश्न के अनुसार उत्तर की चाह स्पष्ट की गयी है।

D – अति लघु उत्तरीय प्रश्न [Very Short Answer Type Question]-

कतिपय विश्व विद्यालय सभी तरह के प्रश्न ,प्रश्नपत्र में शामिल करते हैं जिससे अधिक से अधिक पाठ्य क्रम का प्रतिनिधित्व प्रश्न पात्र कर सके। इसमें अति लघु उत्तरीय प्रश्न विशिष्ट भूमिका का निर्वहन करते हैं। यह संक्षेप में उत्तर की माँग, एक शब्द में उत्तर की माँग या बहु विकल्पीय प्रकार के हो सकते हैं।

इनका उत्तर लिखने में स्पष्टता एक विशेष गुण है जिस खण्ड या भाग का यह प्रतिनिधित्व करते हैं वह लिखें ,और प्रश्नपत्र में इनके लिए निर्धारित प्रश्न नम्बर का उल्लेख करें व प्रश्न की प्रकृति के अनुसार उत्तर लिखें।

अन्त में यह अवश्य कहूँगा की प्रश्न पात्र प्रारम्भ होने से ठीक पहले ित्तरों को लेकर कोइ बहस न करें शांत चित्त से आत्म विश्वास से युक्त होकर परीक्षा कक्ष में जाए प्रसन्न रहें और प्रसन्न रहने दें अनायास किसी से न उलझें क्षमा करें, क्योंकि समय केवल आपका जाया होगा।

परीक्षा हेतु समस्त राष्ट्रीय ऊर्जाओं को हार्दिक शुभ कामना।

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