भारतीय सन्दर्भ में आधुनिकीकरण के एक उपकरण के रूप में शिक्षा

भारत में शिक्षा का प्रादुर्भाव वैदिक काल से अब तक एक बहुत बड़ा सफर तय कर चुका है। बदलते परिवेश के साथ और तत्कालीन परिस्थितियों के साथ जन सामान्य पर पड़ने वाले प्रभाव का इतिहास गवाह रहा है इसने बोलने, आचार, व्यवहार, संस्कृति,  वेश भूषा, रहन सहन में होने वाले परिवर्तनों को बहुत अच्छी तरह से निरीक्षित किया है। इन तमाम परिवर्तनों के आधार पर यह  पूर्वक कहा जा सकता है कि शिक्षा ही वह महत्त्वपूर्ण साधन है जो हमारे पूरे परिवेश, सम्पूर्ण समाज को वक्त के साथ चलना सिखा सकता है।शिक्षा ही वह महत्त्वपूर्ण उपकरण है जो हमें आधुनिकता से जोड़ सकता है।

आधुनिकी करण क्या है?

What is modernization?

आधुनिकीकरण  वह  प्रत्यय है जो हमें समय के साथ कदमताल करना सिखाता है हर काल की अपनी परम्पराएं, मर्यादाएं, मूल्य होते हैं जो भारत में निरन्तर  परिवर्द्धित व परिवर्तित होते रहे हैं और भारतीयों ने इन्हे आवश्यकतानुसार अङ्गीकार किया है। डॉ ० सत्यदेव सिंह ने आधुनिकीकरण के सन्दर्भ में कहा –

“आधुनिकीकरण एक ऐसी गत्यात्मक प्रक्रिया है जिसमें कोई समाज नवीनतम वैज्ञानिक तकनीकियों का लाभ लेते हुए परम्परागत अथवा अर्ध परम्परागत स्थिति से हटकर अपने संगठन संरचना, मूल्य, अभिप्रेरणा, उद्देश्य तथा आकांक्षाओं में आवश्यक परिवर्तन कर लेता है।”

“Modernization is such a dynamic process in which a society moves from a traditional or semi-traditional position, taking advantage of the latest scientific techniques, to make necessary changes in its organizational structure, values, motivation, objectives and aspirations.”

आधुनिकीकरण की परिभाषा में व्यक्ति व उसकी ज्ञानात्मक स्थिति के अनुसार यद्यपि परिवर्तन परिलक्षित होते हैं लेकिन कोठारी कमीशन  ने भारतीय समाज के आधुनिकता से जुड़ने के परिप्रेक्ष्य में स्पष्ट रूप से कहा –

“The most distinct feature of modern society, in contrast with a traditional one, is its adoption of a science-based technology.”

आधुनिक समाज की सबसे विशिष्ट विशेषता, पारंपरिक समाज के विपरीत, विज्ञान आधारित प्रौद्योगिकी को अपनाना है।

अर्थात भारतीय परिप्रेक्ष्य में आधुनिकी करण से आशय बदलते समय के साथ बदलते प्रतिमानों, संसाधनों, वैज्ञानिक प्रगति और आवश्यक प्रगतिशील बदलाव के साथ अनुकूलन करने से है।

Education as a tool of Modernization

आधुनिकीकरण के एक उपकरण के रूप में शिक्षा-

वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जब हम भारत का आकलन करते हैं तो यह प्रत्यक्षतः अनुभूति होती है कि शिक्षा केवल समस्या समाधान का ही उपकरण नहीं है बल्कि यह वह विशिष्ट उपागम है जो हमें समय के साथ चलना सिखाता है वास्तविक आधुनिकता का सच्चा उपकरण शिक्षा है इसे नकारा नहीं जा सकता। निम्न आधारों पर यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है –

1 – सामाजिक सकारात्मक परिवर्तन/ Positive Social Change

2 – सांस्कृतिक परिवर्तन / Cultural change

3 – आर्थिक परिवर्तन / Economic change

4 – बौद्धिक परिवर्तन / Intellectual change

5 – मूल्यों व उद्देश्यों में परिवर्तन / Change in values ​​and objectives

6 – विज्ञान व तकनीकी की सहज स्वीकृति / Easy acceptance of science and technology

7 – समन्वय व सामञ्जस्य की बदलती अवधारणा / Concept of coordination and harmony

 8 – कुरीति निवारण में सञ्चारी साधनों का प्रयोग / Use of communicative means in the prevention of      evil.

उक्त आधार पर कहा जा सकता है कि शिक्षा वह साधन है जो हमें आधुनिकता से जोड़ता है व अन्धानुकरण से बचाता है जो परम आवश्यक है। डॉ सत्य देव सिंह का विचार दृष्टव्य है –

यदि कोई समाज अन्य समाजों का अन्धानुकरण करता है तो कालान्तर में अन्धानुकरण करने वाला समाज अपना आस्तित्व समाप्त कर सकता है।

“If a society blindly imitates other societies, then over a period of time the society which blindly imitates its existence.”

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