जीवन एक अनोखी यात्रा है मानव यायावर है ,मानव हृदय कभी उत्थान हेतु तरंगित होता है तो कभी अवसाद युक्त हो हार के कगार पर जा बैठता है प्रस्तुत पंक्तियाँ मानव को उत्साह और जीवटता से युक्त रखने को प्रेरित करती हैं और जीवन में विविध रंगों को भरने हेतु जागरण का भाव जगाती हैं जो लोग थक हार कर निराशा के गर्त में गिरने को उद्यत हैं उनमें जाग्रति संचरण कर बताती हैं कि – ‘कुछ और अभी बाकी है ‘