जीवन एक अनोखी यात्रा है मानव यायावर है ,मानव हृदय कभी उत्थान हेतु तरंगित होता है तो कभी अवसाद युक्त हो हार के कगार पर जा बैठता है प्रस्तुत पंक्तियाँ मानव को उत्साह और जीवटता से युक्त रखने को प्रेरित करती हैं और जीवन में विविध रंगों को भरने हेतु जागरण का भाव जगाती हैं जो लोग थक हार  कर निराशा के गर्त में गिरने को उद्यत हैं उनमें जाग्रति संचरण कर बताती हैं कि – ‘कुछ और अभी बाकी है ‘

दर्द अभी बाक़ी  है ,टीस  अभी बाक़ी है ,

जीवन की उम्मीदों का संगीत अभी बाक़ी है,

प्यार अभी बाक़ी  है,रार अभी बाक़ी है ,

इंकार के पहलू का इकरार अभी बाक़ी है,

 

गीत अभी बाक़ी है ,संगीत अभी बाक़ी है ,

जीवन की अरुणिमा का मीत अभी बाक़ी है,

प्यार की अमराइयों की छाँव अभी बाक़ी है,

प्यार की उड़ान को आकाश अभी बाक़ी है,

 

मस्त महीने फागुन का फाग अभी बाक़ी है ,

पिछली वाली होली का दाग अभी बाक़ी है ,

ममतामयी माता का अहसास अभी बाक़ी है,

बचपन की स्मृति का आभास अभी बाक़ी है,

 

खूबसूरत जीवन का परवाज़ अभी बाक़ी है ,

मुफलिसी में उम्मीदों का चिरागअभी बाक़ी है,

किए हुए कृत्यों का परिणाम अभी बाक़ी है ,

हो चुका  आगाज़ पर अंजाम अभी बाक़ी है।

 

मासूम से चेहरे की मुस्कान अभी बाकी है ,

प्रेयसी के नयनों का मनुहारअभी बाकी है ,

अप्राप्त  लक्ष्यों, का प्रयास अभी बाकी है ,

जीवन में हास व  परिहास अभी बाकी है ,

 

भक्ति अभी बाक़ी है ,तृप्ति अभी बाक़ी  है,

जीवन की रागिनी का राग अभी बाक़ी है,

प्यार के हर तार में झनकार अभी बाक़ी है,

जीवन श्रृंगार में कुछ और अभी बाकी है।

 

-डॉ 0 शिव भोले नाथ श्रीवास्तव

 

 

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