Education Aacharya - एजुकेशन आचार्य
  • शिक्षा
  • दर्शन
  • वाह जिन्दगी !
  • शोध
  • काव्य
  • बाल संसार
  • विविध
  • समाज और संस्कृति
  • About
    • About the Author
    • About Education Aacharya
  • Contact

शिक्षा
दर्शन
वाह जिन्दगी !
शोध
काव्य
बाल संसार
विविध
समाज और संस्कृति
About
    About the Author
    About Education Aacharya
Contact
Education Aacharya - एजुकेशन आचार्य
  • शिक्षा
  • दर्शन
  • वाह जिन्दगी !
  • शोध
  • काव्य
  • बाल संसार
  • विविध
  • समाज और संस्कृति
  • About
    • About the Author
    • About Education Aacharya
  • Contact
वाह जिन्दगी !

हम तो हिन्दुस्तान हैं।(Hm to Hindustaan hean.)

October 15, 2018 by Dr. Shiv Bhole Nath Srivastava No Comments

वो सियासत के बाज हैं और हम तो बस शिकार हैं,

वो खून से  हैं रंगे हुए और  हम तो  बहती  धार  हैं,

मौत का कारण हैं वो, हम जिन्दगी की किताब  हैं,

वो जीत का  प्रतीक हैं और  हम तो इन्कलाब   हैं।

Continue reading

Share:
Reading time: 1 min
शोध

परिकल्पना: कार्य, महत्त्व, विशेषता( Hypothesis: Functions, Importance, Characteristics)

by Dr. Shiv Bhole Nath Srivastava No Comments

                               परिकल्पना के कार्य( Functions of  hypothesis) –

शोधकर्त्ता के हाथ में परिकल्पना एक ऐसा साधन है जो शोध का दिशा निर्धारक व प्रणेता है। वास्तव में परिकल्पना निम्न कार्यों को स्वयं में समाहित कराती है –

(1 )-औचित्य पूर्ण मार्गदर्शन (Proper Guidance )-

परिकल्पना का महत्वपूर्ण कार्य शोधकर्त्ता को उचित दिशा निर्देश उपलब्ध कराना है इससे संदिग्धता व भ्रम की स्तिथि समाप्त हो जाती है एवं सम्यक तथ्यों व आंकड़ों के संकलन को सही दिशा मिल जाती है जिसकी तत्सम्बन्धी शोध हेतु आवश्यकता होती है।

(2)-प्रक्रिया निर्धारक( Determiner of procedure)-

परिकल्पना द्वारा यह स्पष्ट हो जाता है कि कार्य हेतु उपयुक्त तरीका व उत्तम क्रियाविधि क्या होनी चाहिए इससे अनावश्यक भटकाव नहीं होता।

(3)-तथ्यात्मक चयन में महत्वपूर्ण भूमिकाI (Important role in selection of facts)-

इससे समस्या सम्बन्धी तथ्यों का चयन सरल हो जाता है क्योंकि समस्या का दायरा तय हो जाने से तत्सम्बन्धी आंकड़ों का संग्रहण  निश्चित हो जाता है चरों का निर्धारण हो जाने से शोध को सम्यक दिशा प्राप्त हो जाती है।

(4)-पुनरावृत्ति सम्भव (Replication possible)-

शोध निष्कर्षों का मूल्यांकन विश्वसनीयता व वैद्यता की कसौटी पर कसा  जाता है यह विश्वसनीयता व वैद्यता बार बार मुल्यांकनोपरांत सुनिश्चित होता है अतः शोध कार्य में पुनरावृत्ति  सम्भव है जोकि परिकल्पना के अभाव में सम्भव  नहीं है।

(5)- सार निकालने में सहायक (Helps in recapitulation )-

परिकल्पनाओं की स्थिति के विश्लेषणोपरान्त उसकी स्वीकृति या अस्वीकृति तय होती है जो समस्या के चयन,परिकल्पना उद्देश्य निर्धारण ,उपकरण चयन समंक संग्रहण व विश्लेषण की वैज्ञानिक प्रक्रिया से गुजरती है इस प्रकार प्राप्त तथ्यात्मक परिणाम के विवेचन से शोध सार प्राप्त करते हैं जो परिकल्पना अभाव में संभव नहीं।

                             परिकल्पना  का  महत्त्व ( Importance of Hypothesis)

(1)ज्ञान को अद्यतन करने का महत्वपूर्ण उपकरण (Powerful tool for the advancement  of knowledge)-

चूंकि इससे ज्ञान को दिशा मिलाती है इसलिए नवीन ज्ञान तक पहुँचना व उससे जुड़ना सरल हो जाता है जिसे स्वीकारते हुए फ्रेड एन करलिंगर कहते हैं –

परिकल्पनाएँ ज्ञान की समृद्धि हेतु शक्तिशाली उपकरण हैं क्योंकि वे मनुष्य को अपने से बाहर  आने के योग्य बनाती हैं।
“Hypothesis are powerful tools for the advancement  of knowledge because they enable men to get out side himself.”                       – Fred N Karlingar

 (2)- अन्तरिम स्पष्टीकरण में सहायक (Helps in tentative Explanation)-

अनुसंधान कार्यों की संरचना समझना और समझाने योग्य बनाना व सम्यक व्याख्या में परिकल्पना  महत्वपूर्ण योग है जैसा कि चैपलिन महोदय ने कहा –

“परिकल्पना एक अवधारणा है जो अन्तरिम स्पष्टीकरण करती है। “
 “Hypothesis is an assumption which serves as a tentative explanation.”            -Chaplin

(3)-नवीन शोध कार्यों का निर्देशक (Guide  for further investigation)-

परिकल्पना जहां पूर्व कल्पित एवं विचारपूर्ण कथ्य होता है वहीं  भविष्य के शोध हेतु निर्देशन कार्य भी करता है सी0 वी 0 गुड तथा   डी 0 ई 0 स्केट्स  के शब्दों से स्पष्ट  है।

” परिकल्पना एक सुनिश्चित अनुमान या निष्कर्ष होता है जिसे अवलोकित तथ्यों तथा दिशाओं को स्पष्ट करने के लिए एवं अन्वेषण को निर्देशित करने के लिए बनाया जाता है। “
 “A hypothesis is a shrewd guess or interference that is formulated and provisionally adopted to explain observed facts a condition and to guide further investigation.”    C.V. Good, D. E. Scates

(4)-प्रायोगिक परिकल्पनाओं के सत्यापन में सहायक ( Helpful for Experimental Verification )-

परिकल्पना एक महत्वपूर्ण कारक इसलिए भी है क्योंकि इससे आनुभविक या प्रायोगिक परिकल्पना के सत्यापन में मदद मिलती है जैसा कि एम वर्मा के शब्दों से स्पष्ट है :-

“सिद्धान्त जब औपचारिक व स्पष्टता में किसी परीक्षणीय प्रतिज्ञप्ति के रूप में अभिकथित करके आनुभविक या प्रायोगिक रूप से सत्यापित किया जाता है ,परिकल्पना कहा जाता है। “
“Theory when stated as a testable proposition formally,clearly and subjected to empirical or experimental verification is known as hypothesis)”               -M.Varma

             अच्छी परिकल्पना की विशेषताएं (Characteristics of good hypothesis):-

अनुसन्धान परिमाणोन्मुख होता है परिणामों को उचित दिशा व विश्वसनीय बनाने में परिकल्पना के स्तर का विशिष्ट योगदान होता है अनुसन्धानकर्त्ता अपनी समझ विवेक आवश्यकता व उद्देश्य के आधार पर परिकल्पना बनाता है लेकिन अच्छी परिकल्पना  निर्माण शोध को निश्चित ही सम्यक दिशाबोध कराता है एक अच्छी परिकल्पना में निम्न गुणों का समावेशन देखने को मिलता है :-

 (1)- उपयुक्त हल (Adequate Solution )-

एक अच्छी परिकल्पना शोध समस्या को उपयुक्त हल सुझाती है एक समस्या के निदान हेतु विभिन्न उपकल्पनाएँ हो सकती हैंपर समस्या की विभिन्न विमाओं के अध्ययनोपरान्त उपयुक्त हल सुझाने वाली परिकल्पना का चयन करना ही उत्तम होगा।

 (2)-स्पष्टता ( Clarity)-

समस्या में प्रयुक्त चरों के बीच सम्बन्धों को स्पष्ट करने में परिकल्पना को सक्षम होना चाहिए, बोधगम्य परिकल्पना के होने पर शोध को उपयुक्त गरिमा स्तर प्राप्त होगा।

(3)-सरलता (Simplicity )-

परिकल्पना की सरलता प्रयोग को सरल बना देती है इससे उसकी वैधता सरल मापनीय बन जाती है। भ्रम का अन्देशा नहीं रहता इसलिए सुगम बोधगम्य ,स्पष्ट परिकल्पना अपने आप में विशिष्ट होती है।

(4 )-सत्यापनीय (Verifiable )-

परीक्षणीय होना परिकल्पना की महत्वपूर्ण विशेषता है परिकल्पना के रूप में मापनीय कथन का प्रयोग होने से आनुभविक परीक्षण भी सम्भव हो जाता है।

(5 )-विनिर्दिष्टता (Specificity)-

यह परिकल्पना की महत्वपूर्ण विशिष्टता  है एक अच्छी परिकल्पना विशिष्ट क्षेत्र  स्पष्ट निर्देशन व वर्णन में सक्षम होती है अत्याधिक  विस्तृत परिक्षेत्र वाली परिकल्पना का परीक्षण दुष्कर हो जाता है।

(6 )-मितव्ययता(Frugality )-

एक अच्छी परिकल्पना को अधिक व्यय साध्य न होकर मितव्ययी होना चाहिए यह अभाव में प्रभाव दिखाने वाली लघुस्पष्ट  व बोधगम्य हो।

(7 )-तार्किक बोध गम्यता (Logical Comprehensibility )-

एक अच्छी परिकल्पना तार्किक रूप से बोध गम्यताव व्यापकता का गुण स्वयं में सन्निहित रखती है इसके द्वारा सभी महत्वपूर्ण पक्षों के समावेशन का प्रतिनिधित्व तार्किक रूप से दीख पड़ता है।

(8 )-संगतता (Consistency )-

एक अच्छी परिकल्पना समय के साथ भी अच्छा सामञ्जस्य रखती है यह उस समय तक ज्ञात तथ्यों सिद्धान्तों नियमों से संगतता रखती है और निगमनात्मक चिन्तन पर आधारित होती है।

अच्छी परिकल्पना को बनाना श्रम साध्य है  उक्त विशेषता युक्त परिकल्पनाएं अच्छी परिकल्पना की श्रेणी में रखी जा सकती हैं।

 

Share:
Reading time: 1 min

Recent Posts

  • दिशा बोधक चिन्तन।
  • बिलकुल मतलब नही होता है।
  • EDUCATIONAL PSYCHOLOGY
  • TRANSFER OF LEARNING
  • Collection of data

My Facebook Page

https://www.facebook.com/EducationAacharya-2120400304839186/

Archives

  • May 2025
  • April 2025
  • March 2025
  • February 2025
  • January 2025
  • December 2024
  • November 2024
  • October 2024
  • September 2024
  • August 2024
  • July 2024
  • June 2024
  • May 2024
  • April 2024
  • March 2024
  • February 2024
  • September 2023
  • August 2023
  • July 2023
  • June 2023
  • May 2023
  • April 2023
  • March 2023
  • January 2023
  • December 2022
  • November 2022
  • October 2022
  • September 2022
  • August 2022
  • July 2022
  • June 2022
  • May 2022
  • April 2022
  • March 2022
  • February 2022
  • January 2022
  • December 2021
  • November 2021
  • January 2021
  • November 2020
  • October 2020
  • September 2020
  • August 2020
  • July 2020
  • June 2020
  • May 2020
  • April 2020
  • March 2020
  • February 2020
  • January 2020
  • December 2019
  • November 2019
  • October 2019
  • September 2019
  • August 2019
  • July 2019
  • June 2019
  • May 2019
  • April 2019
  • March 2019
  • February 2019
  • January 2019
  • December 2018
  • November 2018
  • October 2018
  • September 2018
  • August 2018
  • July 2018

Categories

  • Uncategorized
  • काव्य
  • दर्शन
  • बाल संसार
  • वाह जिन्दगी !
  • शिक्षा
  • शोध
  • समाज और संस्कृति

© 2017 copyright PREMIUMCODING // All rights reserved
Lavander was made with love by Premiumcoding