शक्ति  की आराधना का,  सम्यक समय आया है,

जागो, जागो सिंह शावको माँ दुर्गा ने जगाया है,

याद रखो, स्वस्थ तनमन सफलता का प्रदाता है,

शैल पुत्री,ब्रह्म चारिणी ने यह अधिगम कराया है।

आया, आया, आया, आया शक्ति -पर्व आया है।।

माँ चन्द्रघण्टा ने घण्टियों से भुवन पावन बनाया है,

उसी से भारत में देश भक्ति का ये उन्माद छाया है,

याद रखो बिन शक्तिसञ्चय काम नहीं चलपाता है,

माँ कूष्माण्डा, स्कन्दमाता ने सिद्ध कर दिखाया है।

आया, आया, आया, आया शक्ति -पर्व आया है।।

माँ कात्यायनी ने वृंदावन में शक्ति रूप पाया है,

शक्ति अधिष्ठात्री, भुवनेश्वरी ने अलख जगाया है,

याद रखो भद्रकाली कार्य भवानी मन जगाता है,

भवानी जागृति ने कालरात्रि में कालरूप पाया है।      

आया, आया, आया, आया शक्ति -पर्व आया है।।      

प्राणआयाम में नवदुर्गा का नवआयाम आया है,

दुष्टदर्प मर्दन हित रक्तदन्तिका रूप मनभाया है,

याद रखो निजतन पौरुष रणविजय  दिलाता है,

अकाट्य रणनीति महागौरी,सिद्धि दात्री छाया है।   

आया, आया, आया, आया शक्ति -पर्व आया है।।

नव्य जागरण भारत हित में भव्य पर्व ये लाया है,

ब्रह्माण्ड शुभस्थापन हो मातृशक्ति को बुलाया है,

याद रखो शक्ति बिन शुभ सृजन नहीं हो पाता है,

प्रदाता शक्ति ने लक्ष्मी,गौरी,शारदा रूप पाया है।   

आया, आया, आया, आया शक्ति -पर्व आया है।।  

शाकम्भरी,छिन्नमस्ता,महेश्वरी रूप याद आया है,

आदि शक्ति माँ काली ने,  आतंक वाद मिटाया है,

याद रखो बिनशक्ति के शिव भी शव हो जाता है,

शक्तिसंचरण निरन्तर हो इसलिए पर्व ये आया है।

आया, आया, आया, आया शक्ति -पर्व आया है।।

आया, आया, आया, महा- शक्ति -पर्व आया है।।

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