विश्व शिक्षक दिवस  (world Teachers’ Day )

                                     or

 अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस (International Teachers Day)

साहित्यसंगीतकलाविहीनः साक्षात पशु पुच्छविषाण हीनः।

तृणं न खादन्नदि, जीवमानस्तद्भागधेयम परमं पशुनामम।।

उक्त विषय वस्तु अशिक्षित मानव को पशु के रूप में स्वीकार करने के भाव दर्शाता है,केन्द्रीय प्रवृत्ति भाव यह है कि ज्ञान का प्रादुर्भाव हर मनुष्य के मस्तिष्क में हो और इसके लिएनिर्विवाद रूप से गुरु की स्वीकार्यता है।

विश्व का दृष्टिकोण (world Outlook) –

भारत सहित समस्त विश्व का प्रबुद्ध वर्ग शिक्षक के प्रति आदर का भाव रखता है और इस कृतज्ञता को ज्ञापित भी करना चाहता है इसीलिये विविध देशों में विविध तारीखों को शिक्षक दिवस मनाया जाता है भारत अपने कृतज्ञता भाव का उद्घोष करते हुए स्वीकारता है –

गुरूर्ब्रह्मा,  गुरुर्विष्णुः,  गुरुर्देवो महेश्वरः।

गुरुर्साक्षात परमब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः।।

अपने अपने देश के शिक्षक के प्रति मान सम्मान कृतज्ञता राष्ट्र की सशक्तता में शिक्षक की भूमिका के लिए विशिष्ठ दिवसों का आयोजन विश्व संस्कृति का हिस्सा है।

अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस व विविध शिक्षक दिवसI(International Teachers Day And Other Various Teachers Day )   – अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए विश्व शिक्षक दिवस मनाते हैं यूनेस्को ने अन्तर्राष्ट्रीय  शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाने की घोषणा की और इसे 1994 से मनाया जा रहा है विश्व के एक सौ से अधिक देश इस दिवस को मना रहे हैं।

विविध देशों में राष्ट्रीय स्तर पर इसे मनाने हेतु अलग अलग दिवस देश कालानुसार विकसित हुए हैं यथा –

नेपाल में गुरु पूर्णिमा के दिन शिक्षक दिवस श्रद्धा पूर्वक मनाया जाता है।

भारत में सर्वपल्ली राधा कृष्णन जो भारत के द्वित्तीय राष्ट्रपति भी रहे, उनके जन्मदिन 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए मनाया जाता है।

थाईलैण्ड में 16 जनवरी को राष्ट्रीय  शिक्षक दिवस मनाया जाता है यहाँ 21 नवम्बर 1956 में यह प्रस्ताव लाया गया जिसको स्वीकृति प्राप्त हुई और पहला  शिक्षक दिवस 1957 में मनाया गया इस दिन यहाँ विद्यालयों में अवकाश घोषित किया गया है।

मलेशिया में गुरुओं के प्रति असीम प्रेम दर्शाने वाला यह पर्व 16 मई को मनाया जाता है जिसे ‘हरि गुरु’ कहा जाता है।

तुर्की में वहाँ के प्रथम राष्ट्रपति कमाल अतातुर्क ने गुरुओं के सम्मान में इस पर्व को मनाने की घोषणा की जिसे 24 नवम्बर को मनाया जाता है।

ईरान में बहुत से लोगों के चहेते प्रोफेसर अयातुल्लाह मोर्तेजा की दो मई 1980 को हत्या कर दी गयी। समस्त शिक्षकों के प्रति आदर भाव दर्शाने वाला यह दिवस  उनकी स्मृति से जोड़कर दो मई को ही  मनाया जाता है।

चीन में वहाँ की नेशनल सेण्टर यूनिवर्सिटी ने 1931 में इसकी शुरुआत की चीन सरकार से 1932 में स्वीकृति भी मिली।चीन ने अपने देश के महान विद्वान कन्फूशियस के जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाए जाने की 1939 में घोषणा की जिसे 1951 में वापस ले लिया गया अन्ततः सन 1985 में 10 सितम्बर को शिक्षक दिवस घोषित किया गया लेकिन आज भी वहाँ का एक बड़ा वर्ग कन्फूशियस के जन्म दिवस को शिक्षक दिवस घोषित करने के पक्षधर हैं।

रूस में अक्टूबर के प्रथम रविवार को शिक्षक दिवस के रूप में 1965 से 1994 तक मनाया गया इसके बाद अन्तर्राष्ट्रीय  शिक्षक दिवस के रूप में स्वीकार कर 5 अक्तूबर को इसे मनाते हैं।

अमेरिका में यह दिवस मई के प्रथम सप्ताह के मंगलवार को मनाने की घोषणा की गयी है तत्सम्बन्धी कार्यक्रम पूरे सप्ताह आयोजित किये जाते हैं।

शिक्षक दिवस के प्रमुख उद्देश्य(Main Objects Of Teachers’ day) :-

(1 )- गुरुओं के प्रति सम्मान आदर भाव दर्शाना।

(2 )- समाज के प्रति जिम्मेदारी निर्वहन की प्रेरणा प्रदान करना।

(3 )- समस्त विश्व की प्रबुद्ध दिशा निर्धारक मानवता का कृतज्ञता ज्ञापन।

(4)-विश्व की समस्त समस्याओं  के निराकरण हेतु शिक्षक भूमिका के प्रति सचेष्ठ करना।

(5)-शिक्षकों को धन्यवाद व आभार जताने का दिवस मनाना।

वस्तुतः विश्व शिक्षक दिवस मनाकर UN वैश्विक स्तर पर अपने लक्ष्य 2030 तक प्राप्त करना चाहता है जिसमें सतत विकास ,शिक्षण पेशे को बढ़ावा देना शैक्षणिक क्षेत्र की उपलब्धियाँ जानना,शोध स्तर उच्चीकृत करना युवा प्रतिभा को इस पेशे की ओर आकर्षित करना शामिल है यह 1966 की संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को )की सिफारशों की भावना के अनुरूप है।

वर्ष 2019 की विश्व शिक्षक दिवस की थीम(The Theme Of World Teachers’ Day-2019):-इस वर्ष की विषयवस्तु का निर्धारक शीर्षक है –

                                     “युवा शिक्षक -भविष्य का भविष्य”।

उक्त समस्त विवेचन कबीर दास का समर्थन करता प्रतीत होता है विचारणीय हैं उनके शब्द –

गुरु, गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागौं पाँव ,

बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दियो बताय।    

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