अरे ये क्या है ?
ये कैसी रुलाई है।
ये कैसी है मार
पकी फसलों ने खाई है।
लगता है यही सच है।
आधुनिकता की कमाई है ।1।
प्रकृति की सहज तन्द्रा
मानव ने भगाई है।
छीना है जो प्रकृति का
विपदा उससे ही आई है।
लगता है यही सच है।
आधुनिकता की कमाई है ।2।
जब भी चाहा विस्फोट किया
जब चाहा खाई बनाई है।
पृथ्वी के अन्तस्तल में
खलबली सी मचाई है।
लगता है यही सच है।
आधुनिकता की कमाई है ।3।
बेहिसाब जल स्रोतों का
दोहन कर करी कमाई है।
असंख्य घाव करे छाती पर
पर दी न कोई दवाई है।
लगता है यही सच है।
आधुनिकता की कमाई है ।4।
लगता है प्रकृति निधि पर
विपदा ये नई सी आई है।
बरसात से प्राप्त जलनिधि भी
ना वापस लौटाई है।
लगता है यही सच है।
आधुनिकता की कमाई है ।5।
जल निधि में जहर की
अजब मात्रा बढ़ाई है।
कहते हो अम्लीय वर्षा
ये हमने ही कराई है।
लगता है यही सच है।
आधुनिकता की कमाई है ।6।
मौसम में परिवर्तन की
भारी कीमत चुकाई है।
लगता है इन्ही वजहों से
बे मौसम बारिश आई है।
लगता है यही सच है।
आधुनिकता की कमाई है।7।
ग्लोबल वार्मिंग ने
दी हमको यही दुहाई है।
जो बोओगे सो काटोगे
यह नीति सदा चल आई है।
लगता है यही सच है।
आधुनिकता की कमाई है ।8।
पूर्व योजना की शक्ति
क्यूँ कर हमने गँवाई है।
जड़ प्राकृतिक विपदा की
क्यूँ समझ हमें न आई है।
लगता है यही सच है।
आधुनिकता की कमाई है ।9।
आवश्यक है आधुनिकता भी
पर लगाम क्यों गँवाई है।
कहीं कौमा, कहीं अल्प विराम
की रीति क्यों भुलाई है।
लगता है यही सच है।
आधुनिकता की कमाई है।10।