जन्म स्थली वाला ठिकाना

अक्सर क्यों हमें बुलाता है ?

निरन्तर उम्र बढ़ते जाना

नवअनुभव से मिलवाता है।

और नए क्रन्दन का आना

शिशु जन्म बोध कराता है।

जन्म स्थली वाला ठिकाना

अक्सर क्यों हमें बुलाता है ? 1

मदमस्त हो खेलते जाना

जीवन आनन्द दिलाता है।

समस्या का ना पता ठिकाना

नव रस सा बढ़ता जाता है

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अक्सर क्यों हमें बुलाता है ? 2 

पूर्व बाल्यावस्था का आना

नवसंस्था से जुड़वाता है।

नए परिवेश से यूँ जुड़जाना

सखाओं संग मिलवाता है।

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अक्सर क्यों हमें बुलाता है ? 3 

हर वस्तु खिलौना बन जाना

इस उम्र का दौर सिखाता है।

इस वय में सम्बन्ध बनजाना

कोई जीवन भर निभाता है।  

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अक्सर क्यों हमें बुलाता है ? 4

उत्तर बाल्यावस्था का आना

नव ऊर्जा का बोध कराता है।

सम्बन्धों का यह तानाबाना

संसार में उलझा जाता है। 

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अक्सर क्यों हमें बुलाता है ? 5 

नाना विधि ज्ञान  जुड़ जाना

नव चमत्कार दिखलाता है।

प्रश्नों का उत्तर बन जाना

फिर से नव प्रश्न जगाता है।  

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अक्सर क्यों हमें बुलाता है ? 6

कैशौर्य में मस्ती का आना

पुर जोश से होश हटाता है।

जोश में होश का यूँ खो जाना

किशोरवय का बोध करता है  

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अक्सर क्यों हमें बुलाता है ? 7  

संघर्ष सहित तूफ़ान का आना

इस जटिल उम्र में भाता है।                    

 गिरते पड़ते रस्ते कटजाना

नवपथ का दर्श कराता है। 

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अक्सर क्यों हमें बुलाता है ? 8

प्रौढ़ा वस्था की वय पाना

समस्या का बोध कराता है।

जीवन यथार्थ से जुड़जाना

कण्टक पथ मर्म सिखाता है।

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अक्सर क्यों हमें बुलाता है ? 9   

जीवन में भूल भुलैया आना

इस उम्र से जुड़ता जाता है।

बचपन का वह बोध भुलाना

मजबूरी सा बनता जाता है।   

जन्म स्थली वाला ठिकाना

अक्सर क्यों हमें बुलाता है ? 10

धीरे से जीवन सन्ध्या आना

वृद्धा वस्था ही कहलाता है।

ऊर्जा ह्रास का हो जाना

मानव तन को नहीं भाता है। 

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अक्सर क्यों हमें बुलाता है ? 11    

सर्वाधिक यादों का आना

इस उम्र को ख़ास बनाता है

बचपन के साथी याद आना

जड़ से जुड़ जाना कहता है।    

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अक्सर क्यों हमें बुलाता है ? 12

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