कायरता पूर्ण किया धमाका, युद्ध नहीं होता,
इससे शौर्य,पराक्रम का इम्तिहान नहीं होता।
घाव लगाकर छिपजाने से सम्मान नहीं होता,
गद्दारों तुम्हें गद्दारी का,क्यों भान नहीं होता।।

भू पर किसी धर्म में, ऐसा तो ईमान नहीं होता।
बुजदिलीपूर्ण किए कार्य का सम्मान नहीं होता।
कथनीकरनी में भेद रखो, गुण गान नहीं होता।
तुम होगए पक्के नमकहराम ये ज्ञान नहीं होता।

बारबार पिटजाने पर भी कोई इल्म नहीं होता,
लाहौर तक पीटा था, तुमको याद नहीं रहता।
ज्यादा पिटने से पाक,होश ठिकाने नहीं रहता,
झूठी बातें करता है और सच याद नहीं रहता।।

नामर्दों का देश हो क्या आतंकी शह पर जीते हो,
गर खुद की ताक़त है तो युद्ध क्यों नहीं करते हो।
छद्मयुद्ध के नाटक को ही श्रृंगार बनाए फिरते हो,
असली माँ का दूध पिया तो जंग से क्यों डरते हो।।

इमरान सुनो हमदर्दी में सच्ची बात बताते हैं,
चीनियों की चाल से, बचने की राह सुझाते हैं।
दोज़ख की जिन्दगी औ भीख से भी बचाते हैं,
झगड़ा छोड़ो बोलो, भारत में विलय कराते हैं।।

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