Education Aacharya - एजुकेशन आचार्य
  • शिक्षा
  • दर्शन
  • वाह जिन्दगी !
  • शोध
  • काव्य
  • बाल संसार
  • विविध
  • समाज और संस्कृति
  • About
    • About the Author
    • About Education Aacharya
  • Contact

शिक्षा
दर्शन
वाह जिन्दगी !
शोध
काव्य
बाल संसार
विविध
समाज और संस्कृति
About
    About the Author
    About Education Aacharya
Contact
Education Aacharya - एजुकेशन आचार्य
  • शिक्षा
  • दर्शन
  • वाह जिन्दगी !
  • शोध
  • काव्य
  • बाल संसार
  • विविध
  • समाज और संस्कृति
  • About
    • About the Author
    • About Education Aacharya
  • Contact
शिक्षा

ASSISSMENT

May 1, 2024 by Dr. Shiv Bhole Nath Srivastava No Comments

आकलन 

आकलन शिक्षार्थियों के अधिगम और विकास के बारे में पता लगाने का व्यवस्थित आधार है इससे विद्यार्थी को अधिगमित करने और विकसित होने में मदद मिलती है यह जानकारी एकत्र करने, विश्लेषण करने और उपयोग करने की प्रक्रिया है। यह प्राथमिकताओं को तय करने, सूचना प्राप्ति और आवश्यकताओं को ज्ञात करने की महत्त्व पूर्ण पद्धति है। विद्यार्थियों की उपलब्धि को ज्ञात करते समय अध्यापक द्वारा किसी मानक के आधार  पर मूल्य निर्णय करना आकलन कहलाता है।

इरविन के अनुसार –

“आकलन छात्रों के व्यवस्थित विकास के आधार का अनुमान है। यह किसी भी वस्तु को पारिभाषित कर चयन, रचना,संग्रहण,विश्लेषण,व्याख्या और सूचनाओं का उपयुक्त प्रयोग कर छात्र विकास तथा अधिगम को बढ़ाने की प्रक्रिया है।”  

“Assessment is an estimate of the basis of systematic development of students. It is the process of defining any object, selecting, creating, collecting, analyzing, interpreting and using information appropriately to enhance student development and learning.”

NEED OF ASSISMENT (आकलन की आवश्यकता) –

विद्यार्थियों किन अधिगम की क्षमता ही उसकी प्रगति का प्रमुख आधार बनती है अतः क्षमता का आकलन परम आवश्यक है। अधोवर्णित बिंदुओं के आधार पर इसकी आवश्यकता को समझा जा सकता है।

01 – विविध विषयात्मक परिक्षेत्र में अधिगम

02 – कौशल विकास व समन्वय

03 – स्वस्थ व उपयोगी जीवन स्तर की प्राप्ति

04 – आत्म प्रेरणा व रुचयात्मक विकास 

05 –  सु समायोजन हेतु

06 – समय के साथ कदमताल हेतु

07 – सम्यक प्रतिक्रिया अभिव्यंजन हेतु

08 – आत्म मूल्यांकन व आत्म विश्लेषण हेतु 

09 – दीर्घकालिक अधिगम हेतु

10 – समसामयिक मुद्दों के प्रति जागरूकता

IMPORTANCE OF  ASSISMENT (आकलन की महत्ता) –

वर्तमान परिप्रेक्ष्य में परिवेश से बेखबर रहकर नहीं रहा जा सकता इसलिए यह आवश्यक है कि निरन्तर स्वआकलन किया जाए और यथार्थ के धरातल पर रहकर प्रगति सुनिश्चित की जाए। इस आकलन की महत्ता को इन बिंदुओं के आधार पर विवेचित किया जा सकता है। –

1 – शक्ति परिक्षेत्र/ Areas of strength

2- कमजोरी के क्षेत्र / Areas of weakness

3- प्रेरणा  / Motivation                                       

4- पृष्ठपोषण / feedback

5- प्रगति सुधार / Improving progress

6 – जवाबदेही / Accountability

7- अद्यतन जानकारी  Up to date information

8- क्षमता सुधार  Performance Improvement

9- निर्णयन क्षमता / Decision making capacity

                उक्त सम्पूर्ण विवेचन से स्पष्ट है कि आकलन आज महत्त्वपूर्ण परिक्षेत्र है और समय रहते सम्यक आकलन प्रगति के नए आयाम गढ़ सकता है। आकलन की आवश्यकता व महत्त्व दूरगामी नीति में सहायक सिद्ध होते हैं। विविध राजनीतिक पार्टी स्व आकलन करती रहती हैं उसी तरह व्यक्तिगत स्तर पर भी यह परमावश्यक है।

Share:
Reading time: 1 min

Recent Posts

  • दिशा बोधक चिन्तन।
  • बिलकुल मतलब नही होता है।
  • EDUCATIONAL PSYCHOLOGY
  • TRANSFER OF LEARNING
  • Collection of data

My Facebook Page

https://www.facebook.com/EducationAacharya-2120400304839186/

Archives

  • May 2025
  • April 2025
  • March 2025
  • February 2025
  • January 2025
  • December 2024
  • November 2024
  • October 2024
  • September 2024
  • August 2024
  • July 2024
  • June 2024
  • May 2024
  • April 2024
  • March 2024
  • February 2024
  • September 2023
  • August 2023
  • July 2023
  • June 2023
  • May 2023
  • April 2023
  • March 2023
  • January 2023
  • December 2022
  • November 2022
  • October 2022
  • September 2022
  • August 2022
  • July 2022
  • June 2022
  • May 2022
  • April 2022
  • March 2022
  • February 2022
  • January 2022
  • December 2021
  • November 2021
  • January 2021
  • November 2020
  • October 2020
  • September 2020
  • August 2020
  • July 2020
  • June 2020
  • May 2020
  • April 2020
  • March 2020
  • February 2020
  • January 2020
  • December 2019
  • November 2019
  • October 2019
  • September 2019
  • August 2019
  • July 2019
  • June 2019
  • May 2019
  • April 2019
  • March 2019
  • February 2019
  • January 2019
  • December 2018
  • November 2018
  • October 2018
  • September 2018
  • August 2018
  • July 2018

Categories

  • Uncategorized
  • काव्य
  • दर्शन
  • बाल संसार
  • वाह जिन्दगी !
  • शिक्षा
  • शोध
  • समाज और संस्कृति

© 2017 copyright PREMIUMCODING // All rights reserved
Lavander was made with love by Premiumcoding