जैव विविधता
जैव विविधता दो शब्दों जैव और विविधता से बना है जैव से आशय प्रत्येक चेतना युक्त प्राणी से है विविधता अपने आप में प्रत्येक चेतन के समाहित होने से है समूचे व्योम में असंख्य जीव अपनी विविधता को परिलक्षित करते हैं इस खूबी को संरक्षण प्रदान करना ही जैव विविधता को संरक्षण प्रदान करना है हर जीव की अपनी खूबी है उसका फायदा सभी को मिलता है।
Meaning and values of Biodiversity
जैव विविधता का अर्थ एवं महत्ता –
(1 ) – अर्थ
विविध विज्ञ जनों ने स्वीकार किया कि जैव विविधता शब्द पृथ्वी पर जीन से लेकर पारिस्थितिक तन्त्र तक सभी स्तरों पर जीवन की विविधता को सन्दर्भित करता है। जीवन की यह विविधता समूची पृथ्वी पर समान रूप से वितरित नहीं है कई बार कई जीव किन्ही लोगों के छुद्र स्वार्थों से विनाश के कगार तक पहुँच जाते हैं इनके निवास स्थल के तबाह होने से विविध जीवों के समक्ष अस्तित्व का संकट पैदा हो जाता है।
जैव विविधता से आशय भूमि पर जीवन की परिवर्तनशीलता और विविधता से है।विकिपीडिया के अनुसार –
” जैववैविध्य या जैव विविधता पृथ्वी पर जीवन की विविधता और परिवर्तनशीलता है। जैव वैविध्य आनुवंशिक (आनुवंशिक परिवर्तनशीलता), प्रजाति ( प्रजाति विविधता ), और परितन्त्र (परितान्त्रिक वैविध्य) स्तर पर भिन्नता का एक माप है।”
“Biodiversity or biodiversity is the variety and variability of life on Earth. Biodiversity is a measure of variation at the genetic (genetic variability), species (species diversity), and ecosystem (ecological diversity) levels.”
डॉ ० राम मनोहर विरले जी के अनुसार
“जैव विविधता पृथ्वी पर जीवन की समृद्धि और विविधता का प्रगटन करती है। यह भूमण्डल की सबसे विशिष्ट व जटिल विशेषता है। जैव विविधता के बिना जीवन की कल्पना करना भी एक कल्पना ही होगा।“
“Biodiversity reflects the richness and variety of life on Earth. This is the most unique and complex feature of the earth. It would be a fantasy to imagine life without biodiversity.”
जैव विविधता को एक अन्य विद्वान्न ने इस प्रकार की परिभाषित किया है –
“जैव विविधता स्थलीय, समुद्री और रेगिस्तानी पारिस्थितिक तंत्र और पारिस्थितिक परिसरों सहित विभिन्न स्रोतों से जीवित जीवों के बीच भिन्नता है, जिसका वे हिस्सा हैं।”“Biodiversity is the variation among living organisms from different sources, including terrestrial, marine and desert ecosystems and the ecological complexes of which they are part.”उक्त विचारों के आलोक में कहा जा सकता है कि समुद्र, सामान्य स्थल, जंगल, पहाड़, रेगिस्तान, नदी, कुआं, पृथ्वी तल के नीचे जहाँ भी जीवन है वहाँ का एक पारिस्थितिक तन्त्र होता है और जीवों में विविधता होती है और हमारा अस्तित्व परस्पर सह अस्तित्व पर निर्भर है।
(2 ) – महत्ता –
भारत में भी जैव विविधता के विशिष्ट दर्शन होते हैं पौधों की प्रजातियों की समृद्धि के मामले में यह नौवें स्थान पर है ।भारत अरहर, बैंगन, ककड़ी, कपास और तिल जैसी महत्वपूर्ण फसल प्रजातियों का उद्गम स्थल है। भारत विभिन्न घरेलू प्रजातियों जैसे बाजरा, अनाज, फलियां, सब्जियां, औषधीय और सुगंधित फसलों आदि का महत्त्वपूर्ण केंद्र है। विश्व के 25 जैव विविधता हॉटस्पॉट में से दो हमारे भारत में पाए जाते हैं। पशु सम्पदा का भारत महत्त्वपूर्ण केन्द्र है लगभग 91000 पशु प्रजातियां यहां पाई जाती हैं।जैव वैविध्य के अलग-अलग मुख्य तीन प्रकारों को इस प्रकार क्रम देकर इनकी महत्ता को समझने का प्रयास है
1 – आनुवंशिक जैव विविधता
2 – प्रजाति जैव विविधता
3 – पारिस्थितिक जैव विविधता
जैव विविधता सम्पूर्ण प्रगति का आधार है जैव विविधता जीवन को वह सम्बल प्रदान करता है कि उसके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने में भी हम बौने साबित होंगे। फिर भी इसकी मुख्य महत्ता को हम इस प्रकार क्रम दे सकते हैं –
01 – जीवन का आधार जैव विविधता
02 – भोजन प्रदाता
03 – उत्तम स्वास्थय
04 – रोटी कपड़ा और मकान
05 – पारिस्थितिकी तंत्र को स्थायित्व
06 – व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन
07 – आर्थिक सम्पन्नता
08 – पृथ्वी की स्वच्छता
09 – सौन्दर्य प्रसाधन
10 – कृतज्ञता का सर्वोच्च शिखर
जैव विविधता मानव प्रजाति को ईश्वर की अनुपम भेंट है इसकी महत्ता का वर्णन सूर्य को दीप दिखाने जैसा है।