बाल संसार एक अनोखा ही संसार है,इसमें कहीं कल्पना की उड़ान है ,कहीं मनुहार, कहीं बाल हठ दीख पड़ता है बाल लीलाएं मन मोह लेती हैं। प्रस्तुत शब्दों में ऐसी ही जिद है। हठ कर बैठी बिटिया मेरी, माता से यूँ बोली–
बाल संसार एक अनोखा ही संसार है,इसमें कहीं कल्पना की उड़ान है ,कहीं मनुहार, कहीं बाल हठ दीख पड़ता है बाल लीलाएं मन मोह लेती हैं। प्रस्तुत शब्दों में ऐसी ही जिद है। हठ कर बैठी बिटिया मेरी, माता से यूँ बोली–