जागा मनवा में अपने धरम,
अब आएगा निश्चित शुभम।
छोड़ो दैन्यता कर्म हो सिंह का,
आ गया मुक्ति मारग सुगम।
आओ जाने हम शिव का मरम,
ॐ सत्यम, शिवम्, सुन्दरम।
अब हटने लगा सब भरम,
स्वतः होने लगे शुभ करम।
छोड़ दो भीरुता रूप लो वीर का,
अपने रुख को करो कुछ नरम।
आओ जाने हम शिव का मरम,
ॐ सत्यम, शिवम्, सुन्दरम।
दृश्य सुन्दर मनोहर परम,
शिव भजोगे न होगी जलन।
ना विकराल सा रूप महाकाल का,
छाँट देगा सब मन का भरम।
आओ जाने हम शिव का मरम,
ॐ सत्यम, शिवम्, सुन्दरम।
आओ शिव से लगाएं लगन,
महा शिव रात्रि मनाएंगे हम।
नाम लो नाथ का रूप हो मुक्ति का,
पथ होता चले पावनम।
आओ जाने हम शिव का मरम,
ॐ सत्यम, शिवम्, सुन्दरम।
अपने करमों का हो आकलन,
सब करने लगें शुभ करम।
छोड़ दो दुष्टता रूप लो ईश का,
सारे जग में दिखे शंकरम।
आओ जाने हम शिव का मरम,
ॐ सत्यम, शिवम्, सुन्दरम।
काट देगा सब भव बन्धनम,
ॐ नमः शिवाय का भजन।
छोड़ो मोह जग का नाता मात्र शिव का,
बस देगा तुम्हें शुभ फलम।
आओ जाने हम शिव का मरम,
ॐ सत्यम, शिवम्, सुन्दरम।