मन्दिर का भव्य होना, स्वस्थ परिपाटी है
मिटाने में दुष्टों ने, न रखी कसर बाकी है
पौराणिक ग्रंथों ने ज्ञान को जो प्रश्रय दिया
उसी का परिणाम है निशाँ अभी बाकी है।
काशी अविनाशी की नाभि ज्ञानवापी है।1।
बर्बर विध्वंश हुआ, पर पुरातन झाँकी है
खगोलीय, गणितीय, मापन से आँकी है
काशी में विज्ञों ने, ज्ञान को संरक्षण दिया
ज्ञानवापी केन्द्र है विस्तार सारी काशी है।
काशी अविनाशी की, नाभि ज्ञानवापी है।2।
लांघता मर्यादा को समझ लो वो पापी है
सत्य जानो, मानो ना, कैसी आपाधापी है
न्याय के मन्दिर ने सत्य को संरक्षण दिया
आ गई अयोध्या पर मथुरा,काशी बाकी है
काशी अविनाशी की, नाभि ज्ञानवापी है।3।
राम ने मर्यादा गढ़ी, कृष्ण नीति साँची है
प्रलयंकारी शङ्कर ने गढ़ी नगरी काशी है
प्राची के ग्रंथों ने काशी का बखान किया
काशी में ईश विश्वनाथ और ज्ञानवापी है।
काशी अविनाशी की, नाभि ज्ञानवापी है।4।
सत्य सनातन आस्था चेतन जग व्यापी है
स्कन्द पुराण ने, महा महिमा ये बाँची है
भूगोल, अध्यात्म महिमा ने ये सिद्ध किया
अवमुक्तेश्वर ज्ञानप्राप्ति धाम ये काशी है।
काशी अविनाशी की, नाभि ज्ञानवापी है।5।