मानव मन अद्भुत है और सर्वाधिक सशक्त हैं विचार। पहले हमारे मन में किसी भी वस्तु, क्रिया, सिद्धान्त को वरण करने का विचार आता है। तत्पश्चात, हमारी चेष्ठा उसे हमसे सम्बद्ध कर देती है यहाँ तक कि हमारे शरीर पर हमारी सोच का सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है। यदि हम सकारात्मक सोच के हामी हैं तो व्यक्तित्व पर उसका प्रभाव स्पष्ट परिलक्षित होता है।
हम अलग लोगों को अलग अलग मिजाज का देखते हैं यह स्वभाव मानव मन की तरंग दिशा से ही निर्धारित होता है। कुछ लोगों को युवावस्था में बुढ़ापे का और कुछ वयो वृद्धों को युवावस्था का आनन्द लेते देखा जा सकता है।
हमें जीवन पर्यन्त क्रियाशील रहने के लिए और शैथिल्य या बुढ़ापे में युवाओं जैसी ऊर्जा बनाये रखने हेतु व मस्तिष्क की जाग्रत स्थिति बनाये रखने के लिए निम्न तथ्यों पर ध्यानाकर्षण करना होगा।
महत्वपूर्ण तथ्य (Important Facts ):-
(1)- मस्तिष्क के वातायन में सकारात्मक विचारों के झोंके आने दें।
(2)- मस्तिष्क को आदेश दें कि हमेशा सक्रिय स्थिति बनाए रखे और समझें यह सम्भव है।
(3)- हल्का व्यायाम की निरन्तरता हमारी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए।
(4)- प्रतिदिन प्राणायाम अवश्य किया जाना चाहिए ।
(5)- प्रत्येक दिन खुश रहते हुए टहलने का समय अवश्य निकालना चाहिए इसके चमत्कारिक परिणाम होंगे।
(6)- सुपाच्य भोजन ,फल आदि लेकर पेट ठीक रखा जाना चाहिए,देर रात्रि में भोजन करने से बचें। सम्भव हो तो सूर्यास्त से पूर्व भोजन करें।
(7)- जल की पर्याप्त मात्रा का सेवन करें।
(8)- स्वच्छ वस्त्र धारण करें एवं स्वच्छ वातावरण में रहना सुनिश्चित करें ,नमी वाले स्थल पर रहने की जगह उस स्थान को वरीयता दें जहाँ धूप सुलभ हो।
(9)- आध्यात्मिक चिन्तन को दिनचर्या का अनिवार्य अंग बनाएं।
(10)- ‘कम बोलें ,खुश रहें ,खुश रहने दें.’ के सिद्धान्त का अनुपालन सुनिश्चित करें।
(11)- अपने से कम उम्र के लोगों से मिलें उनके अच्छे विचारों का स्वागत करें।
(12)- पर्याप्त नींद लेना सुनिश्चित करें।
उक्त तथ्यों से जब आपके जीवन का सम्बन्ध बन जाएगा तब आप अवश्य कह उठेंगे -वाह जिन्दगी।