मौत गर सिर पर खड़ी

क्या खिलखिलाना छोड़ दें ?

सिर तो हथेली पर रखें

और मौत का मुँह मोड़ दें

यह नई सरगम जोड़ दें,यह नई सरगम जोड़ दें।

गर मुश्किलें पीछे पड़ीं

क्या मुस्कुराना छोड़ दें ?

कोई दम समस्या में नहीं

क्यों हल बताना छोड़ दें ?

यह नई सरगम जोड़ दें,यह नई सरगम जोड़ दें।

ठण्ड जो इतनी पड़ रही,

क्या कँपकँपाना छोड़ दें ?

काँपना तो कोई हल नहीं,

कुछ दण्ड बैठक जोड़ लें।

यह नई सरगम जोड़ दें,यह नई सरगम जोड़ दें।

दुश्मन की संख्या बढ़ रही,

क्या घर को जाना छोड़ दें ?

घर जाना बिल्कुल न छोड़ें,

दुश्मन की टँगड़ी तोड़ दें।

यह नई सरगम जोड़ दें,यह नई सरगम जोड़ दें।

गर गलतियाँ होती रहीं,

क्या कसमें वादे तोड़ दें ?

दोनों पक्षों की मर्जी है,

सब भूल दिल को जोड़ लें।

यह नई सरगम जोड़ दें,यह नई सरगम जोड़ दें।

गूँज अधिकार की होती रही,

क्या अपने स्वर भी जोड़ दें ?

अधिकार तो भूलें मियाँ

कर्त्तव्य का स्वर जोड़ दें ।

यह नई सरगम जोड़ दें,यह नई सरगम जोड़ दें।

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