लघुशोध और मौखिक परीक्षा

Dissertation या लघु शोध लगभग एम ० एड ० स्तर पर सभी जगह चाहे वहाँ सैमेस्टर प्रणाली लागू हो या वार्षिक परीक्षा हो, पाठ्यक्रम का हिस्सा है। विविध विषयों में परा स्नातक स्तर पर लघु शोध (Dissertation) के साथ ही अस्तित्त्व में है। – लघुशोध और मौखिक परीक्षा (Dissertation and Viva Voce)

आज मुख्यतः इसके प्रभावी ढंग से निष्पादन के विषय में कुछ तथ्य प्रस्तुत किये जाएंगे। यह लघु शोध ही अन्ततः हमारे शोध ग्रन्थ को भी दिशा प्रदान करता है।

लघु शोध आधारित मौखिक परीक्षा को प्रभावी बनाने वाले कारक  

 Factors that make Dissertation Based Viva Effective

सम्पूर्ण रूप में Synopsis(रूप रेखा ), Dissertation(लघु शोध), Research Summary (शोध सार) मिलकर शोध परिक्षेत्र को जाज्वल्यमान बनाते हैं। यही लघु शोध आगे शोध ग्रन्थ लिखने में हमारी मदद करता है और इसीलिए इसकी मौखिक परीक्षा एक वृहद दृष्टिकोण लिए होती है। यही शोध कार्य देश की प्रगति का आधार बनाते हैं। लघुशोध आधारित मौखिक परीक्षा के प्रश्न लघुशोध पर आधारित होते हैं और इन्हे इन बिन्दुओं का आधार लेकर सरलता से साधा जा सकता है –

1 – सामान्य प्रश्न (General question)

2 – समस्या कथन आधारित प्रश्न (Problem statement based questions)

3 – शोध के प्रकार (Types of research)

4 – चर, परिकल्पना, उद्देश्य आधारित तथ्य (Variables, Hypotheses, Objective Based Facts) 

5 – शोध उपकरण व परिकलन आधारित प्रश्न (Research Tools & Calculation Based Questions)

6 – सम्बन्धित साहित्य के अध्ययन पर प्रश्न (Question on study of related literature)

7 – शिक्षा परिक्षेत्र में आपके शोध का लाभ (Benefits of your research in the field of education)

8 – ऐसे शोध के अभाव से देश को नुक्सान (Lack of such research damages the country)

वर्तमान समय में परास्नातक स्तर पर लघु शोध के स्तर में गिरावट देखने को मिली है बहुत कम विद्यार्थी सही ढंग से कार्य कर पा रहे हैं। कारणों का एक मिथ्या पहाड़ है। सुधार हेतु विद्यार्थी, प्राध्यापक, अभिभावक, उच्च शिक्षा  सभी को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। शोधार्थियों की ओर देश की आशाभरी नज़रें हैं। ईमानदारी से कार्य करें, मौखिक परीक्षा स्वतः अच्छी व गरिमामयी होगी।

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