समंकों की प्रस्तुति और व्यवस्थापन
आशय /Meaning
सामान्यतः समंक गुणों के उस संख्यात्मक मान को कहा जाता है , जिससे शुद्धता के एक उचित विधि द्वारा गिना जा सके या अनुमान लगाया जा सके। वास्तव में समंक तथ्यों, गुणों, विशेषताओं आदि को प्रदत्त संख्यात्मक मान ही है ।
समंक की अवधारणा व परिभाषाएं / Concept and definitions of data –
समंक के बारे में कहा जाता है कि समंक झूठ नहीं बोलते हालांकि खुद झूठे हो सकते हैं। यह वर्तमान शोध व्यवस्था की रीढ़ हैं समंक को परिभाषाओं को इस प्रकार प्रस्तुत कर सकते हैं –
बाउले महोदय के अनुसार –
“समंक अनुसन्धान के किसी विभाग से सम्बंधित तथ्यों के संख्यात्मक विवरण हैं जिन्हे एक दूसरे के सम्बन्ध में रखा जा सके। “
“Data are numerical descriptions of facts related to any department of research which can be kept in relation to each other.”
वेबस्टर महोदय के अनुसार
“एक राज्य के लोगों की स्थिति से सम्बन्धित वर्गीकृत तथ्य या सूचनाएं समंक होते हैं विशेषकर वे तथ्य जिन्हें संख्याओं में या उन संख्याओं की सारिणियों में या किसी भी रूप में सारिणीकृत या वर्गीकृत कर व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत किये जा सकते हैं। “
“Data are classified facts or information relating to the condition of the people of a state. Especially those facts which can be presented systematically in numbers or in tables of those numbers or by tabulating or classifying them in any form. “
होरेस सेक्रिस्ट महोदय के अनुसार
“समंक तथ्यों के उन समूहों को कहा जाता है जो विविध कारणों से पर्याप्त सीमा तक प्रभावित होते हैं जिन्हें संख्यात्मक रूप में व्यक्त किया जाता है जिनकी गणना और अनुमान यथोचित परिशुद्धता के स्तर तक की जाती है। “
“Data are those groups of facts which are influenced to a sufficient extent by various causes and which are expressed in numerical form and which can be calculated and estimated to a reasonable level of precision.”
उक्त विवध परिभाषाओं के आलोक में समंक की अवधारणा को स्पष्टतः समझा जा सकता है कि समंक पूर्व उद्देश्य के आधार पर प्राप्त वे आंकिक मान हैं जिन्हे तुलना हेतु ,विश्लेषण हेतु या शोध के अन्य उद्देश्यों हेतु प्रयुक्त करते हैं इनके द्वारा संक्षिप्त सारिणी के माध्यम से सरलतम रूप से क्लिष्ट तथ्यों को भी प्रदर्शित किया जा सकता है।
आंकड़ों की महत्ता / Importance of Data –
वर्तमान युग विविध साधनों से युक्त है लेकिन फिर भी यहाँ अधिकाँश लोग समय की कमी का रोना रोते हैं ऐसे समय में समय बचाने वाली हर व्यवस्था को लोक प्रिय होना ही है ऐसा ही एक उपागम हैं समंक। समंकों ने सम्पूर्ण विश्व की प्रगति का विशेष आधार तैयार किया है इनकी महत्ता को इस प्रकार कर्म दिया जा सकता है –
01 – उद्देश्य के प्रति समर्पण Dedication to purpose
02 – वर्गीकरण द्वारा व्यवस्थित प्रदर्शन /Systematic Display by Classification
03 – विश्लेषण सुगम / Analysis made easy
04 – तुलनात्मक विवेचन सम्भव / Comparative analysis possible
05 – भविष्य कथन / Predictions
06 – अधिगम सरल / Easy learning
07 – नीति निर्माण में योगदान / Contribution to policy making
08- राज्य व्यवस्थापन में योग /Contribution in state administration
09 – समस्या समाधान में सहायक / Helpful in problem solving
10 –सामान्य ज्ञान में वृद्धि /General knowledge upgrade