समावेशी शिक्षक के गुण

असल में कोई  भी शिक्षक उन्हीं गुणों को प्रतिबिम्बित कर सकता है जो उसमें स्वयम् हों। इसी तरह एक समावेशी शिक्षक वही हो सकता है जो समावेशन के गुणों को धारण करे। आखिर होता क्या है समावेशन ? इसे समझने हेतु हम यहाँ सहारा ले रहे हैं सोसाइटी ऑफ़ ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट (SHRM )द्वारा प्रदत्त परिभाषा का –

ऐसे कार्य वातावरण की उपलब्धि हैं जिसमें सभी व्यक्तियों के साथ उचित और सम्मान जनक व्यवहार किया जाता है, उन्हें अवसरों और संसाधनों तक समान पहुँच होती है और वे संगठन की सफलता में पूरी तरह से योगदान दे सकते हैं।”

आंग्ल अनुवाद

“The achievement of a work environment in which all individuals are treated fairly and with respect, have equal access to opportunities and resources, and can fully contribute to the success of the organization.”

अर्थात इन कार्यों को सम्पादित कराने वाला समावेशी शिक्षक की श्रेणी में आएगा। समावेशी शिक्षक से सामाजिक और व्यावहारिक अपेक्षाएं बढ़ जाती हैं अतः समावेशी अध्यापक निम्न गुण धारण करने वाला ही होगा।–

01 – श्रेष्ठ समायोजक / Best adjuster

02 – सत्य समर्थक व पक्षपात रहित / Truthful and unbiased

03 – सकारात्मक चिन्तक /Positive thinker

04 – अनुशासन प्रिय / Discipline-loving

05 – संवेदन शील व सहानुभूति युक्त / Sensitive and sympathetic

06 – सदा सक्रिय / Always active

07 – आशावादी / Optimistic

08 – सञ्चार कौशल युक्त / Having communication skills

09 – स्वमूल्याँकन के प्रति सचेत/ Conscious of self-evaluation

10 – सम्यक शैक्षिक योग्यता / Appropriate educational qualification

11 – उत्साह और उत्सुकता युक्त / Enthusiastic and curious

12 – पूर्वाग्रह मुक्त / Unprejudiced

13 – सृजनात्मक / Creative

14 – आजीवन सीखने वाला / Lifelong learner 

15 – धैर्ययुक्त व सहयोगी / Patient and cooperative

16 – अच्छा श्रोता / Good listener

            वास्तव में आज का समाज और कार्य प्रदाता को समावेशी शिक्षक से बहुत सी आशाएं हैं और वे चाहते भी हैं की नित्य बदलती परिस्थितियों से समावेशी अध्यापक साम्य बनाये लेकिन उसके प्रति अपनी जिम्मेदारी से समाज, कार्य प्रदाता और शासन व्यवस्था सभी भागते नज़र आते हैं जबकि दोनों का संयुक्त प्रयास यथोचित परिणाम देने में समर्थ होगा।

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